मजबूत संबंध के लिए नेपाल और भारत, एक दूसरे को सम्मान करेंः महरा

काठमांडू, २८ जनवरी । परिवर्तन के लिए नेपाल में जितना भी राजनीतिक आन्दोलन हुआ है, उसमें भारत की ओर से समर्थन ही रहा है । वि.सं. २००७ साल में हो या ०४६ साल में अथवा गणतन्त्र स्थापना के लिए ही क्यों न हो, नेपाल के हर राजनीतिक परिवर्तन में भारत का सहयोग रहा । इतना ही नहीं, माओवादी जनयुद्ध को सेफल्याण्डिङ के लिए जो १२ सूत्रीय समझौता की गई, उसमें भी भारत ने सहयोग किया है । इतना ही नहीं, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक विकास के लिए भी भारत का सहयोग जारी है, जो अपरिहार्य भी है ।
अभी दोनों देश लोकतान्त्रिक गणतन्त्र को अभ्यास कर रहा है । भारत ने तो इस व्यवस्था को संस्थागत किया है, लेकिन नेपाल प्रारम्भीक चरण में है । लोकतान्त्रिक गणतन्त्र ऐसी व्यवस्था है, जहां एक–दूसरे को सम्मान किया जाता है । इसीलिए नेपाल और भारत के बीच भी सम्मानपूर्ण व्यावहार अपेक्षित है । आपसी सद्भाव के लिए एक दूसरे को सम्मान करना चाहिए । जब हम लोग एक दूसरे को सम्मान करते हैं, तब ही आपसी संबंध सुमधुर बन सकता है ।
(भारत के ६९वें गणतन्त्र दिवस के अवसर पर नेपाल भारत मैत्री समाज द्वारा काठमांडू में आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त विचारों का संपादित अंश)