Tue. Dec 3rd, 2024
himalini-sahitya

बेटियों की रूह तक को अपने नाखूनों से नोचे ज़ा रहे हो

 

 

 

पूजा बहार

वाह रे दुनियावालो क्यों हड़कम्प मचा रहे हो ,

अपनी बेटियों पे उँगली उठे तों मखमल के पर्दे ,

दूसरे की बेटियों की रूह तक को अपने नाखूनों से नोचे ज़ा रहे हो ।

कहाँ सुरक्षित है बेटियाँ इतना मुझे बता दो ,

हरजगह है मानव के रूप में नरपिशाच ,

पहचान सके चेहरे के पीछे भेड़िए कों ,

ऐसा कोई हुनर सीखा दो !

रिमाण्डहोम हो या आश्रम सबको अपना रंगमहल बनाया ,

यह भी पढें   सप्ताह व्यापी विवाह पंचमी जनकपुरधाम में आज से शुरू

बालिकागृह की नन्हीं ..नन्हीं बालिकाओं से देहव्यापार करा रहे हो ।

देखकर अपनी ही वासनावृति पर

हमारे सरकार कों शर्मिन्दगी आ गई क्य़ा ,

या अन्धे तों तुम थे ही गूंगे ..बहरे भी हुए ज़ा रहे हो !

अरे वों नपुंसकबिरादरी वाले भूल गये क्य़ा

अपना पुराना जमाना ,

सता में आने के लिये कितना किया था तुमने ड्रामा ,

घर ..घर हमारे आकर हमारे संग

हमारे में ही हमारे जूठन खाना ,

माईं ..बाप कहकर हमे गले लगाना !

यह भी पढें   सीखते हुए कमाएं' योजना को मज़बूत और सार्थक बनाने की ज़रूरत है : प्रियंका सौरभ

कु़छ तों लाज रखते ज़मीर की तू अपनी,

ख़ुद कों देश क़ा लाल कहतें हो

और अपनी ही देश की बेटियों कों

अपने ही पांव तले रौंदें ज़ा रहे हो!

क्य़ा तुम्हारा ज़मीर तुम्हे नही धिक्कारता ,

मातृत्व कि फटी चुनरी देखकर

क्य़ा तुम्हारा खून नही खौलता ,

मुझे तों शक़ हो रहा है ,

मिली ..जुली सरकार की तरह

अपने लहु में पानी तो नही मिला रहे हो ! ‘ पूजा बहार ‘

About Author

आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com
%d bloggers like this: