अखिल भार तीय कवयित्री सम्मेलन
काठमांडू । अखिल भार तीय कवयित्री
सम्मेलन के ९वें अन्तर्र ाष्ट्रीय अधिवेशन
का काठमाण्डू में भव्य कार्यक्रम के साथ
उद्घाटन किया गया है । हिमालिनी
हिन्दी मासिक पत्रिका और डाँ कृष्ण चन्द
मिश्र अकादमी के संयुक्त आयोजन में
उपर ाष्ट्रपति पर मानन्द झा और भार तीय
र ाजदूत जयन्त प्रसाद के द्वार ा किए गए
इस अन्तर्र ाष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन में
नेपाल की प्रख्यात लोक गायिका कोमल
वली भी मौजूद र ही । एआईपीसी के
संस् थापक तथा संर क्षक डाँ लाँर ी आजाद
के विशेष प्रयत्न से भार त के कर ीब सभी
प्रान्तों से आई हर्ुइ ६० से अधिक महिला
कलाकर्मी और संस् कृतिकर्मी के साथ ही
नेपाल की कुछ जानी पहचानी कवयित्री
और महिला साहित्यकार के इस संगम
को लोगों ने काफी सर ाहा था । नेपाल में
पहली बार इस तर ह के आयोजन से दोनों
देशों के सांस् कृतिक संबंध को और अधिक
प्रगाढÞ होने का विश्वास लिया गया ।
अन्तर्र ाष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन
कर ते हुए उपर ाष्ट्रपति पर मानन्द झा ने
नेपाल और भार त के बीच र हे सांस् कृतिक
संबंधों के बार े में बताते हुए कहा कि
दो देशों के बीच र ही सांस् कृतिक संबंध
की वजह से ही पूर ी दुनियां में नेपाल
और भार त का संबंध अलग और विशिष्ट
है । उपर ाष्ट्रपति ने कहा कि नेपाल और
भार त के बीच र हे र ाजनीतिक संबंधों में
कभी-कभी उतार चढाव आने के बावजूद
सांस् कृतिक संबंध ही दोनों देशों की एकता
को जोडे र खता है ।
इसी तर ह अपने उद्घाटन भाषण में
भार तीय र ाजदूत जयन्त प्रसाद ने भार त
की विशिष्ट शैली की संस् कृति के साथ
नेपाल की संस् कृति के जुडे होने की बात
कहते हुए दोनों देशों के बीच सांस् कृतिक
आदान-प्रदान के जरि ये ऐतिहासिक महत्व