अपने सन्तानों को स्कूल ना भेजनेवाले अभिभावक अब सरकारी सुविधा से बंचित !
काठमांडू, १८ सितम्बर । क्या आपके बच्चे की उमर स्कुल जाने के लिए योग्य है ? उमर हो जाने के बाद भी आप स्कूल नहीं भेज रहे है ? अगर ऐसा है तो अब आप सरकार से प्राप्त होनेवाले सभी सुविधाओं से बंचित हो सकते हैं । आज की नयां पत्रिका दैनिक में इसके संबंध में समाचार प्रकाशित की गई है ।
शिक्षा संबंधी नयां वियधेक में शिक्षा को मौलिक हक के रुप में परिभाषित किया गया है । उक्त नियम संसद् से पारित हो गया है, नियम लागू होने के बाद अपने सन्तानों को विद्यालय ना पठानेवाले अभिभावकों को स्थानीय निकाय की ओर से रकारी सुविधा से बंचित किया जाएगा । प्रमाणीकरण होन के बाद उक्त नियम लागू हो जाएगा ।
विधेयक की दफा ७ में बालकालिका को विद्यालय में भर्ती संबंधी व्यवस्था की गई है । उक्त दफा की उपदफा ४ में लिखा है– ‘जो बालबालिका विद्यालय जाने के लिए योग्य है, उनको विद्यालय में भर्ती नहीं की जाएगी अथवा भर्ती होने के बाद भी आधरभूत तह तक शिक्षा की शिक्षा ग्रहण करने से बालबालिकाओं को बंचित की जाएगी तो ऐसे अभिभावकों को सरकारी सुविधा से बंचित की जाएगी ।’ सो उफदफा में यह भी कहा गया है कि उक्त नियम कार्यान्वयन स्थानीय निकायों की ओर से की जाएगी । विधेयक में यह भी कहा गया है कि एने प्रारम्भ होने के बाद हर स्थानीय निकायों की जिम्मेदारी है कि ५ साल से १२ साल तक उमर की बालबालिकाओं को आधारभूत तह की शिक्षा संबंधी नियम अनिवार्य लागू करनी चाहिए ।