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काठमांडू, 28 सितम्बर – प्रधानमंत्री मंत्री बाबूराम भट्टाराई ने सुरक्षा निकाय के प्रमुखों को उनलोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देशन दिया है जो कानून व्यवस्था को अपने हाथ में लेने का कोशिश कर रहें हैं और पड़ोसी देशों के साथ दो देश के रिश्ते मे तनाव लाने का काम कर रहें हैं । प्रधानमन्त्री सचिवालय जारी विग्यप्ति मे यह बात उल्लेख है ।शुक्रवार को  सत्तारूढ़ माओवादी और संयुक्त लोकतांत्रिक मधेशी मोर्चा के बिच हुइ बैठक में नेताओं ने प्रधानमन्त्री को सुझाव दिया है कि सरकार चल रही “भारत विरोधी गतिविधियों जिससे कि पड़ोसी देशों के साथ नेपाल के संबंध खराब हो सकते है.” इसपर तुरन्त रोक लगाये ।
बैठक में भट्टाराई ने संविधान और कानून के शासन के खिलाफ जाने वालो को सख्त कार्रवाई केने का आश्वासन दिया था ।

इसबिच जनकपुर मे आये नेपाली काँग्रेस के केन्द्रीय सदस्य गगन थापा ने कहा है कि नेकपा माओवादी राष्ट्रीयता का आन्दोलन के नाम पर भारतीय नम्बर प्लेट की गाडी को नेपाल प्रवेश मे रोक लगाया तो हम उसका कसकर विरोध करेगें । नेपाल प्रेस युनियन धनुषा के अध्यक्ष प्रविण साह के अध्यक्षता मे आयोजित पत्रकार सम्मेलन मे गगन थापा ने बाताया कि भारतीय नम्बर प्लेट की गाडी नेपाल प्रवेश मे रोक लगा कर मोहन वैद्य नक्कली राष्ट्रीयता दिखारहें हैं। उन्होने ये भी कहा कि सरकार का नेतृत्व मुख्य नही है, निष्पक्ष और धाँधली रहित निर्वाचन कैसे किया जाए ये यह महत्वपूर्ण बात है । नेकाँ नेता थापा ने कहाँ कि नेपाली कांग्रेस का बटमलाइन काँग्रेस नेतृत्व की सरकार नही है, काँग्रेस स्वच्छ, निष्पक्ष और धाँधली रहित चुनाव के पक्ष मे है । संघीय लोकतान्त्रिक गण्तन्त्र का आधार पर संविधान सभा का निर्वाचन होना चाहिए ।इधर मधेश तरार्इ फोरम का केन्द्रीय प्रचार विभाग के प्रमुख महेन्द्र राय ने शुक्रवार को एक प्रेस विज्ञप्ति प्रकाशित कर के कहा है कि मोहन वैद्य किरण का नेतृत्व वाली नेकपा माओवादी ने भारतीय नम्वर प्लेट की गाडी नेपाल मे प्रवेश पर रोक लगा कर मधेश विरोधी होने का संकेत दिया है । अगर वो देश और पार्टी के लिए अच्छा चाहता है तो अविलम्ब माफी माँगे । माओवादी का यह काम दो देश के बीच के सुमधुर सम्बन्ध मे दरारे डाल रहें है । उन्हे पता होना चाहिए कि माओवादी को इस कदम से साँस्कृतिक, व्यापारिक और वैवाहिक सम्बन्ध मे भी गम्भीर असर पड सकता है । भारत मे काम कर रहे हजारो नेपाली की रोजी रोटी का सवाल है ।कैलास दास।



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