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विवाहः प्रेम और विश्वास का रिश्ता : निक्की शर्मा ‘रश्मि’

निक्की शर्मा ‘रश्मि’



निक्की शर्मा ‘रश्मि’

हिमालिनी, अंक अप्रील 2019 | शादी से पहले पार्टनर का साथ बहुत अच्छा लगता है ऐसा लगता है जैसे हसीन सपनों में उड़ान भर रहे हैं । जन्नत कहीं है तो बस पार्टनर की बाहों में ही । हजारों कसमें, हजारों वादे खाए जाते हैं, साथ रहने की, निभाने की, हर दुख, तकलीफ, खुशी सब साथ निभाने का वादा ही वादा… पर क्या शादी के बाद भी यह हसीन सपना । बना रहता है । या कुछ बातें उन्हें तोड़ देती है ? शादी के बाद कई बातें हमारे सामने आती हैं जिससे हम अनजान रहते हैं कई बातें परिवार की होती हैं ।
ज्वाइंट फैमिली है तो जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ जाती है और बच्चे अगर आ गए तो… और भी बढ़ जाती है और धीरे–धीरे इस जिम्मेदारियों के बीच रिश्ता कहीं ना कहीं दम तोड़ता नजर आता है । कभी रिश्तो में उलझ कर… कभी पैसों में उलझ कर । पैसों को लेकर रिश्ता टूटने की वजह भी बन सकता है । शादी के बाद कई रिश्ते बदल जाते हैं और निभाना भी पड़ता है । खर्चे बढ़ जाते हैं… उन्हें संभालना भी होता है । पार्टनर का स्वभाव अलग हो तो… और भी मुश्किल आती है । वाद–विवाद से बचकर इसे मजबूती से पकड़ कर रखना सही रहता है, नहीं तो मुश्किल हो जाती है । इससे पार्टनर की परिपक्वता का भी पता चलता है । वो किस तरह रिश्ते को हैंडल करता है ।
शादी के बाद पैसों की अहमियत समझ आती है । अगर आपका परिवार आप पर ही निर्भर है । तो शादी के बाद काफी परेशानी बढ़ जाती है । अच्छा हो पार्टनर को पहले से ही इस बात से अवगत करा दें अगर, पार्टनर खर्चीला हो तो सोच विचार कर खर्च करने चाहिए और साथ में इन्वेस्टमेंट भी जरूरी है । पैसों की तंगी रिश्तो में दरार तो डालती ही है… कभी कभी रिश्ते टूट भी जाते हैं शादी के बाद पति और पत्नी दोनों को ही एक दूसरे को समझना होगा । एक दूसरे की भावनाओं की कद्र करनी होगी । शादी में सिर्फ दो लोग नहीं मिलते दो परिवार भी आपस में मिल जाते हैं ।

एक दूसरे के परिवार वालों का कद्र करना होगा दिल से अपनाना होगा जब रिश्ते जुड़ जाते हैं तो कोई भी तकलीफ में इंसान इस भंवर से निकल जाता है अगर सामने वाला हाँथ थामने वाला कोई हो रिश्ते इसी की एक मजबूत कड़ी है । पार्टनर एक दूसरे का जीवनसाथी ही नहीं दुख सुख का भी साथी होता है, बेहतर दोस्त होता है एक दूसरे को समझने वाला होता है । इसे आदर और सम्मान दें, एक दूसरे को संपूर्ण बनाएं, एक दूसरे को पूर्ण करें एक दूसरे के साथ की जरूरत हो तो साथी के साथ ही रहे ।

शादी तभी चलती है जब दिल की बात एक दूसरे की समझे एक दूसरे को अधिकार दें । मेल अपने ईगो को छोड़ दें और पत्नी के भावनाओं का कद्र करें पत्नी को भी अपने पति को समझना होगा, उनकी परेशानियों को समझना होगा, उनकी आर्थिक तंगी को समझना होगा, कभी–कभी जीवनसाथी ऐसे मोड़ पर होते हैं जब आर्थिक तंगी हो जाती है, उस समय सहारा बनना होगा अगर नौकरी छूट गई हो, कुछ अलग करना हो, तो साथ दे उनके सपनों को समझे, उनके परेशानियों को अपनाएं… जीवन के हर अंधेरे, उजाले में एक दूसरे को “मैं हूं ना” साबित करें । जीवनसाथी ऐसा चाहिए होता है जो दोस्त की तरह बिल्कुल अनकहे दिल की हर बात समझ जाए और उसका सम्मान करें । एक दूसरे का सहारा बने, जिंदगी हसीन हो जाएगी क्योंकि प्यार,सुरक्षा,अपनापन शादी में ही मिलता है । पैसों से नहीं ।

शादी का रिश्ता सिर्फ प्रेम विश्वास पर टिका होता है । शादी का भाव ही होना चाहिए एक–दूसरे के बिना अधूरे हैं, अनकही बातें सीधा दिल तक पहुंच जाए । एक दूसरे का सहयोग करें । दोनों गाड़ी के दो पहिए हैं साथ चलेंगे प्यार से तो शादी की गाड़ी चलेगी । सफर हसीन हो जाएगा । सब जिम्मेदारी निभाए मगर प्यार से… और संजीदगी से… अपनापन और सच्चाई से दिलों के रिश्ते जुड़े हैं तो एक दूसरे को सपोर्ट करें और एहसास दिलाएं हर पल हर लम्हा चिंता ना करो ,“मैं हूं ना” पैसों की तंगी को लेकर आपस में खटपट हो ही जाती है पर यह कोई बुरी बात भी नहीं सभी के साथ होती है पर रोज नहीं होनी चाहिए और प्यार से सुलझा लेना चाहिए ।

आपसी समझ रिश्तो को बढ़ाता है । दूरी तनाव लाती है । प्रेमी प्रेमिका जब मिलते हैं एक दूसरे की आंखों में प्यार झलकता है… मौसम कैसा भी हो… बस एक दूसरे का साथ अच्छा लगता है । एक दूसरे को समझते हैं । शादी के बाद भी यही अहसास जिंदा रखें उसे खोने ना दे । यह सच है । जिंदगी में आर्थिक अभाव के बीच रोमांस हवा हो जाता है पर इसे कायम रखने का काम महिलाओं का ज्यादा है जो हर घर की नींव होती है । आर्थिक तंगी में प्यार के बोल और समझदारी से प्यार को प्यार ही रहने दें… और हर तकलीफ में एक दूसरे का सहारा बने और हर वक्त महसूस कराएं ““तुम चिंता ना करो मैं हूं ना ।



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