जीवित रहने की और प्रधानमन्त्री बनने की खयाल भी नहीं आता थाः प्रधानमन्त्री ओली
काठमांडू, २७ सितम्बर । प्रधानमन्त्री केपीशर्मा ओली ने कहा है कि आन्दोलन के क्रम में उनको जीवित रहने की ओर प्रधानमन्त्री बनने की खयाल कभी भी नहीं आया था । नेपालय द्वारा प्रकाशित केआर खम्बु का पुस्तक ‘छायांका लस्कर’ को बिहीबार लोकार्पण करते हुए प्रधानमन्त्री ओली ने कहा– ‘अपने ही जीवनकाल में देश में परिवर्तन सम्भव है यही सोच के साथ आन्दोलन में सहभागी हो गया हूँ । उस वक्त कभी भी खयाल में नहीं आया कि मैं जीवित ही रहूंगा और प्रधानमन्त्री भी बनूंगा ।’
प्रधानमन्त्री ने खुशी व्यक्ति की कि परिवर्तन और कम्युनिष्ट पार्टियों के बीच एकता उनके ही जीवनकाल में सम्भव बना है । उन्होंने आगे कहा– ‘सुखद भविष्य के लिए परिकल्पना की गई थी, लेकिन अपने ही बारे में कुछ भी परिकल्पना नहीं की ।’ युद्धकालीन जीवन, गांव की सामाजिक एवं आर्थिक जीवन आदि के बारे में भी चर्चा करते हुए प्रधानमन्त्री ओली ने कहा है कि अब देश नयां युग में प्रवेश किया है ।