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गोपाल ठाकुर

दिन में क्रांतिकारी और रात में रंगदारी के कारण खस-गोर्खाली मालामाल और मधेशी कंगाल होने लगे हैं

गोपाल ठाकुर, कचोर्वा-१, बारा, जनवरी १४, २०१६ पिछले अगस्त १५ से जारी मधेश बंद और