एक बार साँसद जरुर बन जाना पूरी जिन्दगी का बेड़ा पार हो जाएगा : सुरभी
सुरभी : (फिर एक दिल टूटा ) आज फिर एक दिल टूटा, ओह गलती हुई
सुरभी : (फिर एक दिल टूटा ) आज फिर एक दिल टूटा, ओह गलती हुई
सुरभि, विराटनगर | हे देवाधिदेव महादेव इन नेताओं को आपने इतना अधिक धैर्य कहाँ से
सुरभि, विराटनगर | अभी देश दो धारा से गुजर रहा है । एक धारा ऐसी
सुरभि, विराटनगर | आज फिर एक दिल टूटा, ओह गलती हुई दल टूटा कुछ इधर
सुरभि, बिराटनगर | कुछ दिनों पूर्व जब मैंने एक व्यंग्य (भाई व्यंग्य को पचाने की
देश अनुदान पर चलता है और नेता जनता की कमाई पर । बस इसी वास्तविकता
सुरभि, बिराटनगर | वाह क्या चाल थी, क्या बाडी थी, दो कदम चलना और एक