साहित्य ब्राह्म मुहर्त और हमारा शरीर:-रवीन्द्र झा शंकर’ 12 years ago प्रातः लगभग चार बजेसे सूर्योदयतक का समय ब्राहृम मुहर्त कहलाता है। ब्राहृम मुहर्ूतका भावार्थ है