डायनासोर जैसे ही ईंसान का ईमान भी लुप्त हो रहा है :बिम्मी कालिन्दी शर्मा
” बेईमानी का कैक्टस” ! बिम्मी कालिन्दी शर्म, वीरगंज, (व्यंग्य) । सरस्वती नदी पहले ईसी
” बेईमानी का कैक्टस” ! बिम्मी कालिन्दी शर्म, वीरगंज, (व्यंग्य) । सरस्वती नदी पहले ईसी
डॉ कामिनी वर्मा, भदोही ।युद्ध मानव मन के विकार का परिणाम होता है। मस्तिष्क में
बिम्मी कालिन्दी शर्मा, वीरगंज, (व्यंग्य) । पता नही सब बुद्ध बनना क्यों चाहते हैं ?
नेपालगन्ज/ पवन जायसवाल । बाँके जिला में गुल्जार–ए– अदब ने हरेक महीने जैसै मासिक गजल
२०५० तक ९५ % की ईसाई बनाने की योजना पर काम तेजी सेकॉ रोनकाल में
काठमांडू, १० मई । श्री लूनकरणदास–गङ्गादेवी चौधरी साहित्यकला मन्दिर ने ३ स्रष्टाओं को सम्मान किया
चुनावी दंगल, व्यग्ंय: बिम्मी कालिन्दी शर्मा, वीरगंज, चुनाव सर पर है, सब को चुनाव का
मातादीन-मूर्तिदेवी स्मृति-समारोह आयोजित नारनौल। माता-पिता का दर्जा भगवान से भी ऊंचा होता है, तो माता-पिता
” महतारी हर रुप में वन्दित “ माँ शब्द एकाक्षर निर्मित जिस में ब्रह्माण्ड समाहित
श्री गणेशाय नमः यूं तो अपनी मां के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिऐ किसी
सोशल मीडिया में “मां” अंग्रेज़ी में “मम्मा” व उर्दू में कहलाई “अम्मा” मराठी में “आई”
आखा तीज अक्षय तृतीया आखा मतलब अन्न तीज यानी तिथि अक्षय मतलब सदा रहने वाला
माँ घर आते ही उसकी एक झलक मिल जाए एक छोटी सी फूंक चोट
“ प्यार का सागर, माँ “ माँ संवेदना है भावना है अहसास है,माँ जीवन के
*मजदूर-दिवस* दो वक्त की रोटी के लिए मजदूर सर्दी, गर्मी, बरसात ,धुप में अपना पसीना
बिम्मी कालिन्दी शर्मा, बीरगंज, 3 मई (व्यंग्य)। बैशाख का महिना है और चुनाव भी ईसी
रोटी सुनते ही लगती भूख चाहे हो आमिर गरीब या हो कोई किट पशु रहे
” ” वरना तो चाहते वो भी होंगे ” “ होते हैं बनाने को वो
किसी दिन सुबह उठकर एक बार इसका जायज़ा लीजियेगा कि कितने घरों में अगली पीढ़ी
बिम्मी कालिन्दी शर्मा, बिरगंज, हिमालिनी अंक मार्च ।भारत के उत्तराखंड मे समाजसेवी पर्यावरण वादी सुंदरलाल
निशा अग्रवाल, हिमालिनी अंक मार्च । आज मैं नारी जीवन के उस पहलू पर लिखना
राष्ट्र गान हमारा प्यारा ए नेपाल तराई, परबत ऊंच हिमालय नदियाँ, झरने, जंगल ताल मैं
रामदयाल राकेश बसन्त चौधरी को प्रेम और प्रकृति का कवि माना जा सकता है ।
प्रतिच्छाया वह कुछ दिनों के लिए एक उत्साही नर्तकी है, मंच पर थिरकते हुए उसके
डॉ कामिनी वर्मा। भारत वर्ष अनादि काल से आस्था प्रधान रहा है । अनादि अवस्था
व्यग्ंय-बिम्मी कालिन्दी शर्मा, वीरगंज, चूना लगाने या लगवाने का मौसम फिर से आ गया है
हिंदी भाषा और साहित्य के लिए यह गर्व की बात है कि गीतांजलि श्री का
किताब मैंने अक्सर महसूस किया है कि, मैं जब भी किताबों की दुनिया में प्रवेश
अलीगढ़। 12 अप्रैल 22 ! कवि श्री अशोक अंजुम के मुक्तक संग्रह ‘ज़रा-सी बात पर’
बिम्मी कालिन्दी शर्मा, वीरगंज । देश में बहुत सारे और बहुत किस्म के बैंक तो
इंद्रप्रस्थ लिटरेचर फेस्टिवल द्वारा रामनवमी पर कवि-सम्मेलन आयोजित नारनौल। इंद्रप्रस्थ लिटरेचर फेस्टिवल की हरियाणा इकाई
जनकपुरधाम /मिश्री लाल मधुकर ।देश समृद्धि से ही भाषा का विकास हो सकता है। भले
कालिन्दी शर्मा, वीरगञ्ज व्यग्ंय लेख । अभी के समय में कोई भी और कोई ‘बुक’
मनुमुक्त ‘मानव’ ट्रस्ट द्वारा अंतर्राष्ट्रीय नव-संवत्सर समारोह आयोजित नारनौल। मनुमुक्त ‘मानव’ मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा विक्रम
क्यों? कल तक जानी-पहचानी आज क्यों और कैसे यह दुनिया अनजानी हो गई रिश्तों
बिम्मी कालिन्दी शर्मा, बिरगंज । राजनीति मे अनेक करिश्मा होते ही रहते है । नेपाल
डा बिना, पुस्तक समीक्षा, हिमालिनी, अंक फरवरी ।साहित्य आम आदमी की जुबां बोलता है ।
हौसलें जीवन को आसान कर देते हैं मुर्दा दिल में भी फिर से जान
जन्मदिन २६ मार्च १९०७ डा श्वेता दीप्ति महादेवी वर्मा हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से
आज भी सवालों की परिधि में कैद ‘‘औरत” ललन चौधरी कविता अपने पलकों पर
डा संजय पंकज, हिमालिनी अंक फरवरी । बेसुरे समय में सुरीले जीवन– सौंदर्य, अंतर–आलोक
हमें नया बिहार गढ़ना है। हमें वैशाली वाला लोकतंत्र गढ़ना है। हमें संस्कृति और सम्मान
औरत दिनभर घर का करे और रातभर पति नाम का मर्द उसके साथ ‘हराम’ कर
दिनेश शर्मा, हरियाणा । मनुष्य प्रगति के पथ पर रोज नया कदम बढ़ा रहा है।
*कविता* कलम से कागज का अनुठा अनुराग है कविता , भावनाओं के उमड़ घुमड़ बादलों
मनुमुक्त ट्रस्ट द्वारा अंतरराष्ट्रीय नागरी लिपि-सम्मेलन आयोजित नारनौल। राजभाषा हिंदी की लिपि होने के कारण
विश्व ने अंतरराष्ट्रीय ख़ुशी दिवस 20 मार्च 2022 मनाया ख़ुश रहना एक सेहतमंद सफ़ल और
‘युद्ध’ इसे पुकारा है जमीन पर उतारा है कितने हुए बेघर और कितनों को
श्वेता दीप्ति, 17 मार्च 022।नेपाल में होली दो दिन मनाई जाती है। पहाड़ों में संबत
कहां गए वो रंग गुलाल…
बिम्मी कालिन्दी शर्मा, व्यग्ंय , बिरगंज । राजनीति के जंगल मे बहुत सारे रंग के
मदारी तो सरकार है जो डमरु बजा कर अपने जमूरे खायल निगम को ताली पीट–पीट
नेपालगन्ज/ (बाँके) पवन जायसवाल ।बाँके जिला में रहा गुल्जार–ए– अदब ने अपनी मासिक गजल गोष्ठी
जनकपुर धाम, 12 मार्च ।कल मिति 2078 फाल्गुन 27 गत्ते शुक्रवार को उमंगोत्सव पर्व के
संतोष है जीवन का आधार मत कर तु अभिमान तु एक दिन मिट्टी में मिल
संघर्ष जीवन का मूल मंत्र है संघर्ष ही जीवन है – आओ चींटी से मेहनत,
नजरों से उतर,हृदय से महसूस कर ,रूह को छू ले अगर मेरे लिखे अल्फाज़ तो
नारी : विचार मंथन निशा अग्रवाल, धरान । नारी सृष्टि है ,नारी प्रकृति है ,नारी
“अंतर राष्ट्रीय नारी दिवस 8 मार्च।पर कविता। अंतर राष्ट्रीय नारी दिवस हर वर्ष 8,मार्च, का
बिरगंज, (व्यग्ंय) बिम्मी कालिन्दी शर्मा । आज नारी दिवस है पर यह नारी दिवस कम
अब चुप रह न सकुंगी मै सदि से सदियों तक निःशब्द यंत्रवत मैं वही
नारनौल। नारी के मां, बेटी, पत्नी, बहन आदि सभी रूप अनुपम होते हैं, लेकिन इनमें
मैं सोच रहा हूँ अगर तीसरा युद्ध हुआ तो, इस नई सुबह की नई फसल
साहित्य अकादमी ने पढ़ने-लिखने में रुचि रखने वाले लोगों के लिए खास वार्षिक उत्सव