मैं अकेला चलता मुसाफिर था, वो साथ में चलती सहारों सी : मधुरेश
मधुरेश मैं मुरझाए से फूल सा था, वो पानी के फुहारों सी। मैं
मधुरेश मैं मुरझाए से फूल सा था, वो पानी के फुहारों सी। मैं
फौजी ही हर दिल अजीज होते हैं —————————————– ——प्रियांशी मुल्क की हिफाजत के लिए जंग
सिर्फ शुद्धिकरण ख्याति पाए ************************ क्या साहित्यकार वही सही जिसके शब्दों में शुद्धिकरण समाए मात्रा,
व्यंग्य-लेख:- बिम्मी कालिन्दी शर्मा, बहुत लोगो को गर्भानुभूति होती है । गर्भ खालि है फिर
‘”ॐ नमः शिवायः” शिवरात्रि का अवसर आया,मिलकर सभी मनाएं। हम मंगलमय बन जाएं, हम मंगलमय
अखिल भारतीय साहित्य परिषद से सम्बद्ध मध्यभारतीय हिंदी साहित्य सभा, ग्वालियर द्वारा आयोजित कार्यक्रम में
“चालीस हजार शताब्दियों का हिन्दू इतिहास कोई ताड़ के पत्तों पर नहीं लिखा गया, जो
काठमान्ड । लूनकरणदास–गंगादेवी चौधरी साहित्यकला मंदिर काठमान्डू एवं कलिंग लिटरेरी फेस्टिवल, भुवनेश्वर के सदस्यों के
आओ हे ऋतुराज वसंत भरो जग- जीवन में आनंद खिलाओ सुमन उड़े मकरंद आओ हे
बिम्मी कालिन्दी शर्मा, बीरगंज, (व्यंग्य)| अभी नेपाल नाम का यह देश मसान घाट हो गया
प्रत्येक वर्ष 21 फरवरी को अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य में नेपाल प्रज्ञा
राजेश झा (विश्व संवाद केंद्र, मुंबई) जन्म लेने के बाद शिशु जो प्रथम भाषा बोलने
अपना सा लगता बस वही एक है जो अपना सा लगता है बाकी रिश्तों का
नारनौल। ‘मन चंगा, तो कठौती में गंगा’ कहकर भक्ति-साधना में मन और आत्मा की शुद्धि
सुदर्शनलाल कर्ण, जनकपुर धाम, |संसार मे किसी भूगोल का राजनैतिक परिवर्तन मारकाट अथवा सन्धि से
प्रवीण गुगनानी, ग्वालियर | भारतीय समाज में आजकल धर्मांतरण और हिन्दू धर्म में घर वापसी
व्यंग्य -बिम्मी कालिन्दी शर्मा, बिरगंज। कमल तो किचड में ही खिलता है पर ईस बार
मनुमुक्त ‘मानव’ ट्रस्ट द्वारा चार सर्वोत्तम कैडेट पुरिष्कृत नारनौल। व्यक्तित्व विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती
देवरिया। साहित्यकार डॉ. अरुणेश नीरन को नेपाल की राष्ट्रीय साहित्य अकादमी ने अपने सर्वोच्च साहित्यिक
राजेश झा, राजऋषि चाणक्य के बाद भारतीय महाद्वीप को राजनीतिक -सामाजिक और आर्थिक दिशा देने
नेपालगन्ज/(बाँके) पवन जायसवाल ।बाँके जिला के नेपालगन्ज में गुल्जार–ए– अदबद्वारा आयोजित मासिक गजल गोष्ठी माघ
विश्व प्रसिद्ध भारतीय पार्श्व गायिका लता मंगेशकर की पावन स्मृति में नेपाल में उनके नाम
व्यगंय-बिम्मी कालिन्दी शर्मा, वीरगञ्ज। फरवरी के महिने में सब को प्यार का खुमार चढता है
सरस्वती वंदना हे विद्यादायिनी ! हे हंसवाहिनी ! करो अपनी कृपा अपरम्पार। हे ज्ञानदायिनी !
: नया साल नया साल नए लक्ष्य बनाने हैं, समाप्त कर नकारात्मकता, नए सकारात्मक कदम
व्यगंय-बिम्मी कालिन्दी शर्मा, वीरगंज, हम सब वह ईमानदार है जिन्हें अभी तक बेईमानी का अवसर
जनकपुरधाम /मिश्री लाल मधुकर पत्रकार तथा साहित्यकार सुजीत झा ” पुनि पुनि होत विवाह पुस्तक
*डॉ कामिनी वर्मा* ज्ञानपुर , भदोही । भारतीय संस्कृति आध्यात्मिकता पर आश्रित है। मानव जीवन
सफलता के आठवां वर्ष! जनकपुरधाम, 30 जनवरी । कल 2078-10-25 गत्ते शनिवार के दिन जनकपुर
कोरोना (कविता) ———————- ——प्रियांशी ( 1 ) लाकडाउन का समय खराब खरीद रहे क्यों लोग
खैरातों के दौर में, आहत आज विधान। पुण्य-लाभ नेता करें, करदाता भुगतान।। नारनौल। विश्व का
दो-दो हिन्दुस्तान सत्यवान ‘सौरभ’, ●●● लाज तिरंगें की रहे, बस इतना अरमान । मरते दम तक
वो तो नदी है वो तो नदी है उन्मुक्तता उसकी फितरत है मत बाँधो उसे
कबीरदास जी एक गांव से दूसरे गांव में घूमते रहते थे। एक गांव में कबीरदास
बिम्मी कालिन्दी शर्मा, बिरगंज । (व्यंग्य) । महात्मा गांधी के मुंह मे हर समय ‘हे
परिभाषा ————– प्रतिभा राजहंस मेरे मन में बार- बार उठता है सवाल कि मर्यादा की
अपनी भाषा–अपनी माटी की महक एवं आत्मीयता का अपना एक अलग ही वैशिष्टय होता है
भोजपुरी फिल्मोद्योग २०३२ की तैयारियों में लगे : रामलाल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय
प्रवीण गुगनानी, ग्वालियर । हिन्दी के प्रमुख साहित्यकार आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने साहित्य को “जनता
राजेश झा, पुणे ।जन्म लेने के बाद शिशु जो प्रथम भाषा बोलने और सीखने का
नव वर्ष नववर्ष में हर्ष हो कोविद मुक्त वर्ष हो जीवन की हर खुशी मिले
नेपाल यात्रा, 6,7और 8 जनवरी 2022 को काठमांडु, नेपाल यात्रा, भाग-१ विषम परिस्थितियों और विषय समय
न छोड़ना अपनी डोर को कभी लघुकथा आप सभी को मकर सक्रांति की ढेर सारी
अपराध भाव आकाश और अभिषेक दोनों सहकर्मी थे। दोनों परम मित्र
व्यग्ंय- बिम्मी कालिन्दी शर्मा, बिरगंज । ईस देश मे सिर्फ मकर संक्रांति के दिन ही
“मकर सक्रांति “ मकर राशि में होता है सूर्य देवता का प्रवेश जब, उत्तरायण होते
डॉ. श्वेता दीप्ति, जनवरी अंक 022। प्रत्येक देश का साहित्य अपने देश की भौगोलिक, सामाजिक,
मुकेश भटनागर, होली का पर्व समीप आ रहा था पर विजय का मन कुछ अनमना
स्वामी विवेकानंद के जन्म दिन 12 जनवरी पर विशेष आलेख प्रहलाद सबनानी, आज पूरा विश्व
अन्तर्राष्ट्रिय हिन्दी दिवस पर अनन्य शुभकामनाओं के साथ मेरी यह कविता हिन्दी के नाम ***
*डॉ. वेदप्रताप वैदिक*आज 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। पहली बार यह
डॉ. करुणाशंकर उपाध्याय, अध्यक्षहिंदी विभाग, मुंबई विश्वविद्यालय। आज हिंदी संपूर्ण विश्व में सबसे अधिक बोली और
“सलामी” व्यगंय….बिम्मी कालिन्दी शर्मा, बिरगंज । ईस देश के मंत्री जितने मजे से घूष खा
डॉ. प्रमोद पाण्डेय, जनवरी, 2022। आज का युग वैश्वीकरण का युग है । वैश्वीकरण
जनकपुरधाम /मिश्री लाल मधुकर । नेपाल में संपर्क भाषा हिंदी होना चाहिए। इसके लिए हमारी
काठमांडू, 4 जनवरी 2022 । आज काठमांडू में नेपाल के सुप्रसिद्ध कवि एवं साहित्यकार बसंत चौधरी
https://fb.watch/akIoqDKotb/ काठमांडू, 4जनवरी 2022 । लूनकरणदास गंगादेवी चौधरी साहित्यकला मंदिर द्वारा आयोजित लोकार्पण कार्यक्रम
बिम्मी कालिन्दी शर्मा, (व्यंग्य) । देश टोपीमय है । हर कोई टोपु पहन कर खुद
सोचो तो कई दिनों से देख रहे हम रात की रानी खिली नहीं है ,
रास्ता साफ करो डर ने कहा -मुझसे डरो हौसले ने तड़ाक लगाई उसके गालों पर
दुनिया के सबसे मशहूर शायरों में से एक मिर्जा गालिब का जन्म 27 दिसंबर 1797
पंचम अंतरराष्ट्रीय मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल के आनलाईन आयोजन से देश विदेश में हिंदी सहित सभी
हे मोहन ———— ——प्रियांशी हे मोहन मनहर मुरलीधर यमुना तट बांसुरी बजैया हे नंदलाल
यह दोहा संग्रह कुछ आप बीती और कुछ जगबीती से परिपूर्ण है। यह वर्तमान समय