Tue. Jul 8th, 2025

कविता

हे धरती मां,मैं करूं तेरी अराधना, धरा हो स्वर्ग, कामना पूरी करना : शिशुपाल कुमार सिंह

पर्यावरण शिशुपाल कुमार सिंह यहाँ हरियाली है, वहाँ जल निराला, पर्यावरण है हम सबकी आशा।

गीतकार डा.हेमन्त खतिवडा रचित कैसा मन मस्ताना प्यारे प्रकाशित

काठमान्डू 15मई गीतकार डा.हेमन्त खतिवडा का हिन्दी गीत की किताब कैसा मन मस्ताना प्यारे प्रकाशित

शिल्पकार कहूं, मूर्तिकार कहूं या कहूं कुशल कलाकार : मनीषा मारू

शिल्पकार कहूं,  मूर्तिकार कहूं या  कहूं कुशल कलाकार। पाषाण में प्राण फूंक अद्भुत,अलौकिक,अप्रीतम रूप गढ़ा 

सिद्धिदात्री तू जग की माता। तुम्ही भवानी सिद्धि विधाता।।

सिद्धिदात्री तू जग की माता। तुम्ही भवानी सिद्धि विधाता।। भक्तों की रक्षक सुखदाता। तूं जगपालक

कात्यायनी माता सुखदाई, सबके कारज शीघ्र बनाओ।* *त्वरित संबंध बना के माता, मंगल कार्य कराने आओ

*कात्यायनी माता सुखदाई, सबके कारज शीघ्र बनाओ।* *त्वरित संबंध बना के माता, मंगल कार्य कराने