२०११ में कैसा रहा नेपाल –
१. शक्तिशाली सर्वोच्चः सर्वोच्च ने नेपाली जनता की मनोगत भावनानुकुल इस वर्षके नभेम्बर में सर्वोच्च
१. शक्तिशाली सर्वोच्चः सर्वोच्च ने नेपाली जनता की मनोगत भावनानुकुल इस वर्षके नभेम्बर में सर्वोच्च
आजकल नेपाल दण्डहीनताजन्य अपसंस्कृति से आक्रान्त हो चुका है। देश में नियम, कानून, दण्डसजाय, सिद्धान्त
आर्थिक कारोबारीय लेखा की शुद्धता एवं नियमितताओं का जाँच करके आर्थिक क्रियाकलापों की छयाँ पर
माओवादी प्रधानमंत्री पंडित बाबूराम भÍरार्इ और प्रधानमंत्री की गद्दी से खिसकाए चुके माओवादी प्रधानमंत्री पंडित
नेपाल में कुछ लोगों को सच सुनने की आदत बिलकुल भी नहीं है। या तो
नेपाल क रास्ट्रीय फूटबाँल टीम को अब डाब का साथ मिल गया है। भात की
नेपाल एक बार फि से आतंकियों का अड्डा तो नहीं बनते जा हा है। पिछ्ले
सरकार द्वारा हत्या के आरोप में र्सवाेच्च अदालत से सजा पा चुके माओवादी सभासद बालकृष्ण
प्रधानमन्त्री बाबुराम भटर्राई के ऊपर भारत के साथ किए गए बिपा सम्झौता को लेकर तीखा
प्रधानमंत्री डाँ बाबूराम भट्टर्राई की सरकार ने लुम्बिनी विकास के लिए गठित राष्ट्रीय निर्देशक समिति
बहुत ही छोटे परिचय के रुप में लिया जाय तो प्राचीनकाल मं मिथिला नगरी जो
फर्जी वैट बिल का प्रयोग कर सरकार को लाखों करोड रूपये का चूना लगाने वालों
समग्र बैंक और वित्तीय क्षेत्र का विश्लेषण किया जाए तो यह स्थायित्व ही दिखता है।
देश के हिसाब से देखा जाए तो बैंको की आवश्यकता कम हर्ुइ है ऐसा नहीं
बैंकिंग क्षेत्र असहज स्थिति से गुजरने के बावजूद हम काफी अच्छा कर रहे हैं। अभी
अभी नेपाल के बैंकिंग क्षेत्र में कई समस्याएं विद्यमान हैं । आन्तरिक रूप में बैंकिंग
दक्षिण एशिया में भ्रष्टाचार की व्यापकत की बात बार बार उठने वाला एक गम्भीर विषय
भारत में जैसे भ्रष्टाचार विरूद्ध सशक्त कानून की मांग करते हुए नागरिक अभियानकर्ताओं द्वारा सडक
भारत में जैसे भ्रष्टाचार विरूद्ध सशक्त कानून की मांग करते हुए नागरिक अभियानकर्ताओं द्वारा सडक
उन्नत फल की आशा करने वालों के लिए अधिक बीज रोपने की जरुरत नहीं होती।
पा“च दर्जन चिनियों अधिकारियों के साथ चीन की कम्यूनिष्टपार्टी नेता झु योङकाङ पिछले महिने काठमाडौं
नेपाल से हजारों मील दूर देश सुडान में विभाजन हुआ और अप|mीका के ५४वें और
कालिदास ने उज्जैन में लिखे थे, वर्षों पहले, ‘आषाढ का एक दिन’ और आषाढ मास
वि.सं. २००७ साल से पहले धार्मिक परम्परा व सांस्कृतिक दृष्टि से तर्राई-मधेश में रही सांस्कृतिक
शान्ति व संविधान के बारे में मन वचन और कर्म के बीच चल रही द्वंद्व
<p> ये कोई अचानक और आर्श्चर्य वाली बात नहीं है ये आज नहीं तो कल
उस रात हमलावरों के चंगुल से भागने का मौका ना मिला होता तो इस तरह
कम्यूनिष्ट पार्टी भीतर अन्तरसंर्घष्ा चलना अनिवार्य परिघटना है । पार्टीने का मतलब ही विपरीत विचारों का
तीनों नेताओं के बीच के संबंध में कटुता आ गई है । इसका असर पार्टर्ीीे निचले
आपसी गुटबन्दी और विवादों में उलझी माओवादी पिछले कई दिनों से ना तो स्थाई समिति,
देश में दर्घटनाएँ तीव्र गति से हो रही है । लोगों की अपेक्षा पर तुषारापात का
चार वर्षों के लम्बे विवाद के बाद आखिरकार एकीकृत नेकपा माओवादी ने अंतत नेपाली सेना
१४ गते जेठ नेपाल की राजनीति में वरदान है या अभिशाप इस बात को आम
जेठ १४ की मध्यरात में जब संविधान सभा के कार्यकाल को बढाए जाने की बात
नेपाल में जनगणना की शुरुआत के साथ ही भाषायी द्वंद्व बढने के आसार दिख रहे
पश्चिम तर्राई के जिलों में इन दिनों अपराध, अपहरण, फिरौती, हत्या का तो जैसे सिलसिला
विष्णु रिजाल
मार्क्सवादी साहित्य में बार-बार एक ही प्रकार की घटना की पुनरावृति होने पर उसे नियमित
एम.जे. गस्त
झलनाथ खनाल मंत्रिमंडल में अर्थ राज्यमंत्री बनाए गए डा. ल्हारक्याल लामा की नियुक्ति के समय
प्रमोद यादव
देश के राष्ट्रीय मुद्दे सुलझाने वाले मधेशी जनअधिकार फरोम नेपाल के अध्यक्ष उपेन्द्र यादव इन
वीरेन्द्र के एम
राजनीतिक अस् तव्यस् ता के बीच राजधानी में आपराधिक वार दातों का सिलसिला बढÞता ही जा र हा है
प्रो . नवीन मिश्रँ
प्रारम्भ मे माओवादी दल केदो शर्ष् नेता पुष्पकमल और बाबुराम भट्टर्राई एक दूसर के पूरक
राजकुमार यादव
आखिरकार नेपाली सेना ने माओवादी लडाकुओं के समायोजन पर सकारात्मक कदम उठाते हुए एक नयाँ
एम जे गस्त गुड्डु
पिछले दिनों सर्वोच्च अदालत के एक फैसले ने पर्ूव मंत्री चिरंजीवी वाग्ले को भ्रष्टाचार के
जीतेश जीतू’
नेपाल में जाली भारतीय नोट का प्रमुख कारोबारी, ड्रग्स का अंतर्रर्रीय सप्लायर तथा हथियारों की
रामाशीष
काठमांडू । भारत में सत्तारुढ सहित विभिन्न दलों के पाँच युवा सांसदो के एक दल
प्रियंका पाण्डेय
हिन्दी में एक कहावत हैं, “सर मुंडाते ही ओले पडे ।” झलनाथ खनाल के नेतृत्व
ज्योति पाठक
मार्च के अंतिम सप्ताह में माओवादी पार्टर् विभाजन का हो हल्ला खुब जोर शोर से
यू“ तो सतही तौर पर ऐसा लगता है कि झलनाथ खनाल के प्रधानमंत्री बनने से
प्रधानमंत्री निर्वाचन के क्रम में मधेशवादी दलों का मोर्चा स्पष्टतः दो भागों में विभाजित हो
पार्टर्ीीे निष्कासन पर दुःख व आर्श्चर्य व्यक्त करते हुए अनिल झा ने खुद को पार्टर्ीीवभाजन
हिमालिनी डेस्क मधेश का मुद्दा उठाने वाले सबसे पुराने राजनीतिक दल सद्भावना पार्टर्ीीदि कभी भी