नई जांच पद्धति से साफ पता लगता है दिल-धमनी की रूकावट का
लंदन। एक अध्ययन के मुताबिक दिल की धमनी में चर्बी जमने का पता सीटी कम्प्यूटेड टोमोग्राफिक एंजियोग्राफी से सही-सही लगाना मुमकिन रहता है। लॉस एंजील्स स्थित सेदर्स सिनाई हृदय चिकित्सा संस्थान के शोध प्रमुख प्रबंध निदेशक जेम्स के मिन और उनके सहयोगियों के मुताबिक कोरोनरी कम्प्यूटेड टोमोग्राफिक एजिंयोग्राफी (एफएफआरसीटी) से कोटोनरी दिल की धमनी में रूकावट स्टेनोसिस का पता बिना किसी सर्जरी प्रोसीजर के मुमकिन रहता है। इसके विपरीत प्रैâक्शनल फ्लेरिजर्व एफएफआर तकनीक से पता लगता है कि धमनी में चर्बी जमने के बावजूद रक्त प्रवाह का फिलहाल कोई संकट पैदा नहीं हुआ है। बहरहाल इस पद्धति में सर्जरी प्रोसीजर की जरूरत पड़ती है। दिल की धमनी में चर्बी से रूकावट कोरोनरी आर्टरी डिसीज वैâड के संदिग्ध २५२ मरीजों में ७७ फीसदी मरीज सांस लेने में रूकावट की तकलीफ भुगत रहे थे जबकि १०१ मरीजों की धमनी में रूकावट आ चुकी थी। प्रâी फ्लोरिजर्व कम्प्यूटेड टोमोग्राफ एफएफआरसीटी से धमनी में रूकावट की वास्तविक दशा का खुलासा होता है। इतनी साफ स्थिति एफएफआर की प्रोसीजर वाली पद्धति में नजर नहीं आती। ऐसे मरीजों में गंभीरता के मद्देनजर उनकी अनदेखी होने का अंदेशा नहीं रहता।