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पर्यावरण पर संकट का सबसे बड़ा कारण है पॉलीथिन का प्रयोग : शिल्पा जैन सुराणा

पॉलीथिन का प्रयोग न करने के बारे में बच्चों ने किया जागरूक
वारंगल, तेलंगाना | पर्यावरण दिवस आया है, गोष्ठियों का आयोजन होगा, बुद्धिजीवी वर्ग इस पर विचार विमर्श करेगा और ये दिन यूँही निकल जायेगा, पर अगर वास्तव में बातचीत से समस्याओं का समाधान निकलता तो दुनिया मे आधी समस्याओं का समाधान कब का हो जाता, आज पर्यावरण को बचाने की जरूरत है क्योंकि हमने इसे इतनी बुरी तरह प्रदूषित कर दिया है कि आज कई प्रजातियां लुप्त हो गयी है और कई लुप्त होने की कगार पर है और इस संकट का सबसे बड़ा कारण है पॉलीथिन का प्रयोग।
रिसर्च से ये साबित हो गया है कि आने वाले समय मे समुद्र में समुंद्री जीवो का अस्तित्व ही नही रहेगा इसकी सबसे बड़ी वजह है प्लास्टिक और पोलेथिन की थैलियों का बहुतायत में प्रयोग। शायद ही कोई होगा जो इनके दुष्परिणाम को नही जानता फिर भी हम लोगो का यही रवैया है “क्या है भाई चलता है।”
“सिर्फ हमारे छोड़ देने से क्या होगा, दुनिया मे तो सब इस्तेमाल करते है।” यही जवाब होगा न।
पर हम क्यों ये भूल जाते है कि बून्द बून्द से ही तो घड़ा भरता है, एक से दो, दो से चार, ऐसे ही तो कड़िया जुड़ती है, ये भी तो सोचे। इतना भी मुश्किल काम नही है ये, जब भी बाजार जाए पॉलिथीन थैलियो के बजाय कपड़े के थैले का प्रयोग करे। प्लास्टिक के बजाए रिसाइक्लिंग होने वाले उत्पादों का प्रयोग करे। एक बार अगर ठान ले तो ज्यादा मुश्किल नही है।
सरकार और प्रशासन से भी अनुरोध है कि जिस तरह स्वच्छ भारत की मुहिम चलाई है उस तरह स्वच्छ पर्यावरण की भी मुहिम चलाये। सिर्फ एक संकल्प हो इस बार पॉलीथिन और प्लास्टिक का करे हम बहिष्कार, एक कदम पर्यावरण रक्षा की तरफ।

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