सार्वजनिक जगहों पर सूर्तीजन्य पदार्थ सेवन निषेध
काठमांडू, १७ सितबंर
सार्वजनिक जगहों पर अब आप आज से सुर्तीजन्य पदार्थ का सेवन नहीं कर सकते हैं । सार्वजनिक जगहों पर इसे आज से निषेध किया गया है ।
महानगरपालिका ने आज से सुर्तीजन्य पदार्थ –नियन्त्रण और नियम ऐन २०६८ के आधार पर कारबाही करने की चेतावनी सहित इसे निषेध किया है ।
सर्वसाधारण जनता के स्वास्थ्य, सुविधा और आर्थिक हित में अभिवृद्धि करने के उद्देश्य से काठमांडू महानगरपालिका ने २०७९ असोज १ गते से सार्वजनिक स्थान में सिगरेट, बिँडी, सिगार, तम्बाकु, सुल्फा, कक्कड, कच्चा सुर्ती, खैनी, गुट्खा, सुर्ती या इस प्रकार का कोई भी अन्य पदार्थ साथ ही नशा लेने या सेवन करने के कार्य को निषेध करने की जानकारी दी है ।
काठमांडू महानगरपालिका नगरसभा के ११ वें अधिवेशन में सार्वजनिक स्थान पर धूर्मपान करना निषेध करने की व्यवस्था प्रभावकारी रुप में कार्यान्व्यन करने की नीति पारित किया था ।
सुर्तीजन्य पदार्थ –नियन्त्रण और नियमन ऐन २०६८ में उल्लेख अनुसार राज्य तथा सरकारी निकाय, संस्था या कार्यालय, शिक्षण संस्था, पुस्तकालय, तालिम तथा स्वास्थ्य सम्बन्धी संस्था, विमानस्थल, वायुसेवा तथा सार्वजनिक सवारी साधन, बालकल्याण गृह, शिशु स्याहार केन्द्र, वृद्धाश्रम, अनाथालय, बाल उद्यान तथा क्लब, सार्वजनिक शौचालय, उद्योग तथा कलकारखाना, कार्यस्थल को सार्वजनिक स्थल माना गया है ।
इसी तरह चलचित्र घर, साँस्कृतिक केन्द्र तथा नाट्यशाला, होटल, मोटल, रिसोर्ट, रेष्टुरेन्ट, बार, भोजनालय, , लज, छात्र या छात्रावास तथा अतिथि गृह, रंगशाला, कभर्डहल, शारीरिक सुगठन, व्यायाम केन्द्र, तथा पुल हाउस, डिपार्टमेन्टल स्टोर तथा मिनी मार्केट, धर्मशाला तथा धार्मिक स्थल और सार्वजनिक सवारी के प्रतिक्षालय तथा टिकट काउन्टर भी सार्वजनिक स्थल हुए ।
इसके अलावे अन्य किसी भी जगह के महत्व और सम्वेदन शीलता को विचार करके नेपाल सरकार ने नेपाल राजपत्र में सूचना प्रकाशन करके निश्चित किए हुए अन्य स्थल को भी सार्वजनिक स्थल माना जाए ऐसा ऐन में उल्लेख है
ये सूचना ऐसे जगहों पर लगाए जाने को कहा गया है जहाँ हर किसी की नजर जाऐं ताकि लोग उसे पढ़ और समझ सकें । सभी तक इस सूचना को पहुँचना चाहिए । यदि ऐसा नहीं किया गया तो या इसे नहीं मानने वालों पर पाँच हजार तक का जुर्माना लग सकता है ।
यदि सार्वजनिक स्थल ही के व्यक्ति या कर्मचारी धूर्मपान या सुर्ती सेवन करते समय अनुशासन में नहीं रहते हैं तो सेवा शर्त सम्बन्धी कानून द्वारा सचेत करने या करवाने में या अन्य विभागीय कारबाही करने की व्यवस्था ऐन में है ।