Sun. Oct 6th, 2024

पंद्रह दिवसीय मिथिला परिक्रमा का डोला केचुरी मठ से दोपहर निकला

मिश्रीलाल मधुकर, जनकपुरधाम । पंद्रह दिवसीय मिथिला परिक्रमा का हुआ शुरुआत।पंद्रह दिवसीय मिथिला परिक्रमा का डोला धनुषा जिला के केचुरी मठ से दोपहर निकला डोला को नेपाल के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राम वरण यादव तथा राष्ट्रीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व विधायक रामाशीष यादव ने पूजा कर प्रस्थान किया।हजारों साधु -संत महंत तथा आम नागरिक डोला के साथ केचुरी से जनकपुरधाम जानकी मंदिर, रत्न सागर,सुंदर सदन होते हुए हनुमानगढी पहुंची। डोला का विश्राम शनिवार को हनुमानगढ़ी में हुआ। रविवार को डोला हरिने बोर्डर होते हुए कलना पहुंचेगा।वहां सुंदर सदन से निकला डोला भी कलना पहुंचेगा। दोनों डोला सोमवार को गिरिजा स्थान के लिए प्रस्थान करेगा। मंगलवार को मटिहानी, बुधवार को जलेश्वर, गुरुवार को मड़ई, शुक्रवार को ध्रुव कुंड, शनिवार को कंचन वन, रविवार को पर्वता, सोमवार को धनुषाधाम, मंगलवार को सतोखर, बुधवार को औरही, वृहस्पतिवार को भारत के करूणा, शुक्रवार को विशौल, शनिवार को कलना दर्शन के पश्चात जनकपुरधाम पहुंचकर परिक्रमावासी विश्राम करते हैं। शनिवार की मध्यरात्रि से ही पंचकोसी परिक्रमा के बाद होलिका दहन करके परिक्रमा की समाप्ति होती है। 15दिवसीय परिक्रमा में 133किलोमीटर दूरी तय की जाती है। इसमें कलना,फूलहर, करूणा, विशौल भारत में परिक्रमा का पड़ाव स्थल है बांकी 11पड़ाव स्थल नेपाल में है। सभी पड़ाव स्थल पर परिक्रमा वासी को रोशनी, पानी चिकित्सा की व्यवस्था सरकार तथा स्थानीय स्तर पर किया जाता है। वहीं साधु संतों के भोजन तथा जलावन की व्यवस्था भी स्थानीय लोगों द्वारा किया जाता हैं। इस परिक्रमा में अयोध्या,बनारस,प्रयाग सहित अन्य राज्यों से नागा साधु भी पहुंचते हैं।

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