विश्वविद्यालय की नियुक्ति को लेकर मेरी कोई रुचि नहीं है –प्रधानमंत्री ओली

काठमांडू, पुष ७ – प्रधानमंत्री एवं कुलपति केपी शर्मा ओली ने त्रिभुवन विश्वविद्यालय की जो समस्याएं हैं उनके समाधान के लिए प्रस्ताव लाने का पदाधिकारियों को निर्देश दिया है ।
प्रधानमंत्री तथा मन्त्रिपरिषद् के कार्यालय में रविवार लगभग तीन घण्टें हुए इस अनौपचारिक सीनेट की बैठक में प्रधानमंत्री ओली ने समस्या समाधान के लिए प्रस्ताव मागी है ।
प्रधानमन्त्री के सचिवालय द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट में लिखा है कि ‘प्रधानमंत्री ओली ने सभी क्षेत्र के समस्याओं और मांग को समेटकर संबंधित पक्ष के साथ और चर्चा कर समाधान के उपाय सहित निर्णय करने के विषयों को प्रस्ताव के रूप में लाने का विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों को निर्देश दिया है ।
प्रधानमंत्री ओली ने इस बात को महसूस किया कि गत २७ मंसिर में कीर्तिपुर में हुए त्रिवि सिनेट बैठक में प्रस्तुत कार्यसूची में पदाधिकारी और सिनेट सदस्यों के बीच दूरी बढ़ गई है । इसके बाद ही कुलपति ओली ने रविवार को इस विषय को लेकर चर्चा की है ।
इस चर्चा में शिक्षा, विज्ञान तथा प्रविधि मंत्री एवं सहकुलपति विद्या भट्टराई, उपकुलपति प्रा.डा. केशरजंग बराल, शिक्षा मन्त्रालय के सचिव डॉ. दीपक काफ्ले, विश्वविद्यालय के प्राध्यापक, कर्मचारी, विद्यार्थी, पब्लिक कैंपस आदि क्षेत्रों के प्रतिनिधियों की सहभागिता थी ।
चर्चा में सहभायगयों की बात को सुनने के बाद प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि सभी को समस्या समाधान और सुधार के मुख्य मुद्दा में केन्द्रीत होना चाहिए ।
उन्होंने कहा कि ‘त्रिवि के शैक्षिक कैलेण्डर का पालन होना चाहिए । वैसे तो यह अनौपचारिक बैठक है फिर भी इसे निर्देश ही माने । उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि विश्वविद्यालय में पारदर्शिता होनी चाहिए । मेरिटोक्रेसी कायम होनी चाहिए । जो उत्कृष्ट हैं उन्हें उत्कृष्ट नम्बर देना ही चाहिए ।
उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय की नियुक्त को लेकर मेरी कोई रुचि नहीं है । ‘विश्वविद्यालय सबल हो, सक्षम जनशक्ति उत्पादन हो । नियुक्तियों में मेरा कोई हस्तक्षेप नहीं है । निर्णय के लिए पदाधिकारी हैं, इसलिए इसकी सफलता और असफलता का जस भी आप लोगों को ही लेना होगा ।’