ह्रिदेश त्रिपाठी ने अपनी असंतुष्टी खुलकर प्रगट की, कहा विधान छापामारी सैली में दर्ता करवाई गयी
काठमांडू | राजपा के वरिष्ट नेता ह्रिदेश त्रिपाठी ने अपनी असंतुष्टि व्यक्त करते हुये कहा है कि राजपा का विधान दर्ता करने की प्रक्रिया पर लोग प्रश्न कर रहें हैं | विधान छापामारी सैली में दर्ता करवाई गयी है | ह्रिदेश त्रिपाठी ने कहा कि बाहर आई खबर के अनुसार विधान में बाद में भी यही ६ लोगों की अध्यक्ष मंडल कायम रखने की बात कही गयी है | यह किसी भी तरह उचित नही है नैतिकता की दृष्टि से भी यह ठीक नही है | शुरू में कहा गया था कि १५ दिन के अंदर में वैठक विलाई जायेगी लेकिन वह नही हुआ | अभी ६ लोग वैठ कर निर्णय कर लेते है | ६ ठो अध्यक्ष मंडल की समिति से विधान निर्माण हो यह उचित भी नही होगा | इसके लिए व्याप्त विचार विमर्ष होना चाहिए था |
त्रिपाठी ने कहा कि पार्टी छोड़ने की बात बिलकुल गलत है | उन्होंने कहा कि मैं सद्भावना पार्टी से काम करता आया हूँ | गजेंद्र बाबू थे उनके समय से ही बरिष्ट पद पर काम करता आया हूँ | हाँ पार्टी में चुनौती जरुर है | यह अध्यक्ष मंडल कितना दिन तक रहेगा और पार्टी में अन्य लोगों की क्या भूमिका होगी यह अभी आम लोगो को जानकारी नहीं हो पायी है| उन्होंने कहा कि पार्टी न तो बहिष्कार कर सकी ना ही खुलकर निर्वाचन के पक्ष में में ही आई | केवल छे लोगों की अध्यक्ष मंडल में सिमट कर रह गयी | चुनाव में जाने की बात केवल अध्यक्ष मंडल में ही सिमित है | पूरी राजपा केवल अध्यक्ष मंडल में ही सिमित है | बाहर ये लोग कोई बात नही करते है | अध्यक्ष मंडल के आलावा किसीकी कोई भूमिका नही है | जिस प्रकार हमने २ नम्बर बाहेक अन्य क्षेत्र में चुनव बहिष्कार किया है वैसे ही २ नम्बर में भी बहिष्कार होगा कुछ लोगों की धारणा है | हमने अपने क्षेत्र में ख़ास कर परासी में में तो पूर्ण वहिष्कार किया | अब वहाँ की जनता पूछ रही है कि विधान जल्दबाजी क्यों किया गया ? क्या पार्टी चुनाव में भाग लेने की मन:स्थिति में है ? यह तो जबाब अध्यक्ष मंडल को देना पड़ेगा |
त्रिपाठी ने कहा कि पार्टी एकिकरण से मधेशी जनता में बहुत बड़ा उत्साह आया | मधेशी एकता में भी मजबूती आई | लेकिन विना गृह कार्य पार्टी एकिकरण हुआ | पहले केवल ५ पार्टी का ही एकिकरण तय था फिर बादमें हमारी प्रयाश से अनिल झा भी सामिल हए यह एक अच्छी बात थी | लेकिन इसमें सामिल होकर सभी छोटे छोटे पार्टी के अध्यक्ष भी बहुत बड़ा हो गये | छोटा छोटा पार्टी के नेता भी अपने को बड़ा समझने लगा | इनलोगों ने अभी तक कुछ काम नही किया |जो भी किया वह अपने में सिमित रखा यह आम जनता की शिकायत है |
हमने मांग किया है कि कार्य समिति की बैठक १५ सावन तक वुलाई जाय | और उसमे बृहत विमर्ष हो | कोई भी पार्टी का विधान कार्य समिति अनुमोदन होकर जाना चाहिए | लेकिन उनलोगों अध्यक्ष मंडल से छापामारी सैली में विधान दर्ता करवाने चले गये | जो लोग पार्टी तोडकर गये थे वही लोग फिर से पार्टी में जुटे हैं | यह भी सोचनीय है कि अध्यक्ष मंडल में केवल दो नम्बर के मात्र है | इसकी भी समीक्षा होनी चाहिए |
दो नम्बर के चुनाव में राजपा भाग लेगी या नही इसके जवाब में त्रिपाठी ने कहा कि अध्यक्ष मंडल ने हमे गुरुमंत्र जो दिया की संविधान संसोधन बेगैर कोई भी चुनाव में भाग नहीं लेंगे | हमलोग उसी मन्त्र का पीछा किये | पश्चिम में सभी जगह चुनाव बहिष्कार भी किये | अब दो नम्बर की बारी है तो इसका भी निर्णय कार्य समिति से होना चाहिए | क्या सविंधान संशोधन हुआ ? अब अपने क्षेत्र की जनता को क्या बतायेगें |
एक और प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि देश एक ही है लेकिन इसमें विभिन्न राष्ट्रीयता है | देश टुकड़ा नही होगा | श्री त्रिपाठी आज कान्तिपुर के हेडलाइन में अपना विचार व्यक्त कर रहे थें |