कांग्रेस–राजपा–फोरम गठबंधन में समस्या
काठमांडू, २० नवम्बर । चुनाव की तिथि जितनी करिब होते जा रही है, उतनी ही चुनावी तालमेल करनेवाले राजनीतिक दलों के बीच दरार बढ़ती जा रही है । विशेषतः दो नम्बर प्रदेश में कांग्रेस–राजपा के बीच हो रहे चुनावी तालमेल नेपाली कांग्रेस के लिए सकसपूर्ण बन रहा है । आज प्रकाशित अन्नपूर्ण पोष्ट में यह समाचार छपी है ।
उदाहरण के लिए महोत्तरी–३ में राजपा अध्यक्ष महन्थ ठाकुर ने उम्मीदवारी देने के कारण वहां नेपाली कांग्रेस ने अपनी उम्मीदवारी वापस लिया । लेकिन महोत्तरी–२ में ऐसा नहीं हो सका । वहां नेपाली कांग्रेस के किरण यादव और राजपा के शरदसिंह भण्डारी चुनावी प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं । कांग्रेस और राजपा–फोरम के बीच चुनावी तालमेल तो कहा गया है, लेकिन दो नम्बर प्रदेश के अधिकांश चुनावी क्षेत्र में कांग्रेस और राजपा–फोरम के उम्मीदवारों के बीच ही प्रतिस्पर्धा हो रही है ।
राजपा और फोरम के संयुक्त उम्मीदवार संविधान संशोधन को मुख्य मुद्दा बना कर वोट मांग रहे हैं । इसी मुद्दा को लेकर नेपाली कांग्रेस भी प्रतिस्पर्धा कर रहा है । कांग्रेस नेत्री यादव ने कहा– परिस्थिति जटिल है, इसके संबंध में पार्टी के अन्दर गम्भीर समीक्षा होना चाहिए ।’ उनका कहना है कि चुनावी कार्यक्रम के बारे में समीक्षा नहीं हो रहा है । उन्होंने प्रश्न किया– राजपा अध्यक्ष (महन्थ ठाकुर) को ही लक्षित कर एक चुनाव क्षेत्र में कांग्रेस ने उम्मीदवारी वापस किया, लेकिन मेरी जगह में क्यों राजपा के दूसरा उम्मीदवार (शरदसिंह भण्डारी) आया ?’
कांग्रेस नेता तथा धनुषा–१ के उम्मीदवार आनन्दप्रसाद ढुंगाना को कहना है कि राजपा–फोरम नैतिक रुप में गम्भीर नहीं हो रहे हैं । ढुंगना के अनुसार लोकतान्त्रिक शक्ति को मजबुत बनाने के लिए ही सप्तरी में भी कांग्रेस ने उपेन्द्र यादव को स्वीकार किया । लेकिन मधेशी पार्टी और राप्रपा कांग्रेस के प्रति चुनावी तालमेल में इमानदार नहीं हो रहे है ।