भारतीय दूतावास से प्राप्त पत्र प्रधानमन्त्री को न देकर हम लोगों ने गलती कीः मन्त्री खनाल
काठमांडू, ५ अगस्त । कृषि तथा पशुपंक्षी विकास मन्त्री चक्रपाणि खनाल ने कहा है कि विषादी परीक्षण संबंधी भारतीय दूतावास से प्राप्त पत्र प्रधानमन्त्री को देना चाहिए था, लेकिन समय में ही न देकर हम मन्त्रालय की ओर से गलती हो गई । उन्होंने स्वीकार किया कि पत्र प्राप्त होते ही प्रधानमन्त्री को देना चाहिए था, लेकिन दो दिनों को बाद ही इसके बारे में प्रधानमन्त्री को बताया गया, जो उनकी ओर से की गई गलती है ।
आइतबार सम्पन्न संघीय संसद् मातहत कि कृषि, सहकारी तथा प्रकृति स्रोत समिति बैठक में बोलते हुए मन्त्री खनाल ने अपनी गलती स्वीकार की है । बैठक में बोलते हुए उन्होंने कहा कि पत्र के संबंध में भारत की ओर से कोई भी दबाव नहीं आया है । उन्होंने आगे कहा– ‘इसके संबंध में हम लोगों को आसार २१ गते ही प्रधानमन्त्री को जानकारी देना चाहिए था, लेकिन २३ गते हम लोगों ने पत्र के संबंध में प्रधानमन्त्री को कहा । यह हमारी कमजोरी है । यह मेरी मन्त्रालय और जिम्मेवार निकाय की कमजोरी है ।’
लेकिन मन्त्री खनाल ने बारबार कहा कि भारत से आयातित कृषिजन्य सामान में विषादी परीक्षण रद्द करने की निर्णय में उनका कोई भी हाथ नहीं है । उनका कहना है कि यह उद्योग, वाणिज्य तथा आपुर्ति मन्त्रालय से संबंधित विषय है ।