प्रचण्ड ने दिखाया महन्थ ठाकुर को लॉलीपप
काठमांडू, २७ मार्च । एक सामाजिक कहावत है– जब कोई बच्चा रोता है तो उसको लॉलीपाप देकर या दिखाकर समझाया जाता है । लेकिन ऐसी कहावत सिर्फ बच्चों की सन्दर्भ में होती है, ऐसा नहीं है । राजनीतिक दावपेंच में भी कई बार इतरह का कथन चर्चा में आ जाती है । नेपाल की वर्तमान राजनीतिक खींचातानी में भी कुछ ऐसा ही दृश्य देखने को मिल रहा है । केपीशर्मा ओली नेतृत्व में रहे वर्तमान सरकार को बिस्थापित करने के लिए क्रियाशील राजनीतिक शक्ति और यही सरकार को नििरन्तरता देने के लिए क्रियाशील राजनीतिक शक्तियों के बीच कुछ ऐसी ही खेल हो रहा है, जहां शक्तिशाली दो समूह कमजोर अन्य समूह को अपनी ओर खींचने के लिए विभिन्न प्रकार का लॉलिपप दिखा रहे हैं ।
शनिबार काठमांडू में बृहत नागरिक आन्दोलन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में भी ऐसा ही दृश्य देखने को मिला है । हां, माओवादी केन्द्र के अध्यक्ष तथा पूर्व प्रधानमन्त्री पुष्पकमल दाहाल प्रचण्ड की ओर से व्यक्त विचार को कुछ इसीतरह देखी जा रही है । कार्यक्रम में जनता समाजवादी पार्टी (जसपा) के अध्यक्ष महन्थ ठाकुर भी सहभागी थे । अध्यक्ष ठाकुर को ही सम्बोधन करते हुए माओवादी केन्द्र के अध्यक्ष प्रचण्ड ने कहा कि अब सरकार का नेतृत्व जसपा को लेना चाहिए । इसके लिए तैयार रहने के लिए भी अध्यक्ष प्रचण्ड ने जसपा अध्यक्ष ठाकुर से आग्रह किया । कहा जाता है कि कुछ दिनों से प्रधानमन्त्री ओली की ओर से भी जसपा को कुछ ऐसी ही लॉलिपाप दिखाई जा रही है ।
ऐसी ही पृष्ठभूमि में शनिबार आयोजित कार्यक्रम में अध्यक्ष प्रचण्ड ने कहा कि अगर जसपा सरकार का नेतृत्व प्राप्त करने लिए तैयार है तो केपी शर्मा ओली नेतृत्व में निर्मित वर्तमान सरकार का अवसान सम्भव है । अध्यक्ष प्रचण्ड ने कहा कि अब जसपा को ही सरकार का नेतृत्व लेकर अपना सम्पूर्ण मांग को पूरा करना चाहिए । कार्यक्रम में माओवादी केन्द्र के अध्यक्ष प्रचण्ड ने जसपा अध्यक्ष ठाकुर से कहा– ‘अगर हम लोग मिलते हैं तो हफ्ता–दस दिनों में नयां सरकार बननेवाला है । आप खूद सरकार का नेतृत्व ले सकते हैं, उसके बाद सभी मांग खूद पूरा करें । क्यों आप लोग ओली के पास जाते हैं ?’
प्रचण्ड ने यहां तक कहा कि माओवादी केन्द्र भी मधेश के पहचान के पक्ष में है, लेकिन प्रधानमन्त्री ओली इसके विपक्ष में होने के कारण आज तक मांग सम्बोधन नहीं हो पाया है । अध्यक्ष प्रचण्ड ने कहा– ‘मैं तो मधेश के पक्ष में ही हूं । मधेश मुद्दा सम्बोधन के लिए ही मैंने संविधान संशोधन के लिए संसद् में प्रस्ताव किया । लेकिन ओली ही उसको पास नहीं कर रहे हैं ।’
जवाव में जसपा अध्यक्ष ठाकुर ने कहा कि वर्तमान अवस्था में ओली ही सरकार है, देश के प्रधानमन्त्री हैं, इसीलिए अपने मांग सम्बोधन के लिए ही उनके साथ विचार–विमर्श हो रही है, सरकार में सहभागिता के लिए नहीं ।