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पोखरा विश्वविद्यालय के उप–कुलपति और विद्यावारिधि उपाधि प्राप्त करनेवालों को सम्मान

नेपालगन्ज/(बाँके) पवन जायसवाल । विश्व नेपाली साहित्य महासंघ लुम्बिनी प्रदेश की आयोजन में फाल्गुन १४ गते महाशिवरात्री के दिन बधाई तथा सम्मान कार्यक्रम ककी गई ।

अतिथि वाइन डाइन काटेज नेपालगञ्ज में आयोजित कार्यक्रम में पोखरा विश्वविद्यालय के नवनियुक्त उपकुलपति प्रा.डा. वेदराज केसी और विभिन्न विषय में विद्यावारिधि उपाधि प्राप्त करनेवाले नेपालगञ्ज के चार  व्यक्तित्वों को बधाई तथा सम्मान किया गया ।

विश्व नेपाली साहित्य महासंघ लुम्बिनी प्रदेश के अध्यक्ष लेक प्रसाद प्याकुरेल के अध्यक्षता में सम्पन्न वह कार्यक्रम में प्रमुख आतिथ्य पोखरा विश्वविद्यालय के उपकुलपति वेदराज केसी ने दीप प्रज्वलन करके कार्यक्रम की उद्घाटन किया ।

वह कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि तथा पोखरा विश्वविद्यालय के उपकुलपति वेदराज केसी को विश्व नेपाली साहित्य महासंघ लुम्बिनी प्रदेश के अध्यक्ष लेक प्रसाद प्याकुरेल ने खादा, अबीर सहित सम्मानपत्र प्रदान किया । 

इसी तरह नेपाल संस्कृत विश्वविद्यालय, दाङ से सिद्धिचरण श्रेष्ठ की खण्डकाव्य में रसविधान शीर्षक में विद्यावारिधि प्राप्त करनेवाले डा. हरि प्रसाद तिमिल्सिना (उनकी जीवन संगीनी श्रीमती मीना बराल), अछाम की देउडा गीत में धार्मिक तथा साँस्कृतिक शिक्षा शीर्षक में नेपाल संस्कृत विश्वविद्यालय, दाङ से विद्यावारिधि प्राप्त करनेवाले डा.जगत कुमार खत्री तिमिल्सिना.(उनकी जीवन संगीनी गोमा डिसी), विवेकानन्द ग्लोबल विश्वविद्यालय से विद्यावारिधि प्राप्त करनेवाले डा. कबिन्द्र भट्टराई, (उनकी जीवन संगीनी चन्द्रावती शर्मा) को प्रमुख अतिथि वेदराज केसी, विशिष्ट अतिथि लुम्बिनी प्राविधिक विश्वविद्यालय सेवा आयोग के सदस्य प्रा.डा.कृष्णप्रसाद घिमिरे, विश्व नेपाली साहित्य महासंघ लुम्बिनी प्रदेश के अध्यक्ष लेक प्रसाद प्याकुरेल लगायत लोगों ने खादा ओढाकर सम्मानपत्र प्रदान करके सम्मानित किया था । विद्यावारिधि प्राप्त करनेवाले दूसरे डा. राज कुमार थारु अपनी विशेष कारणवश उपस्थिति नही थे । 

वह कार्यक्रम में आयोजक विश्व नेपाली साहित्य महासंघ लुम्बिनी प्रदेशका अध्यक्ष लेक प्रसाद प्याकुरेल ने विशिष्ट अतिथि लुम्बिनी प्राविधिक विश्वविद्यालय सेवा आयोग के सदस्य प्रा.डा.कृष्णप्रसाद घिमिरे, विशिष्ट अतिथि नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान के पूर्व सदस्य सचिव सनतकुमार रेग्मी, विशिष्ट अतिथि लुम्बिनी प्राविधिक विश्वविद्यालय के उपकुलपति बिनोद प्रसाद ढकाल, नेपालगञ्ज उद्योग वाणिज्य संघ के अध्यक्ष टंक बहादुर धामी को माया की चिनो प्रदान किया था ।

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इसी तरह साहित्यकार गीता आर्यालद्वारा सञ्चालित कार्यक्रम में स्वागत मन्तव्य विश्व नेपाली साहित्य महासंघ उपाध्यक्ष चरित्रा शाह ने की थी  विश्व नेपाली साहित्य महासंघ नेपाल बर्दिया के सचिव महेन्द्र सेडाई ने बधाई गीत गाया था और बधाई कविता वाचन चन्द्रावती अधिकारी ने प्रस्तुत की थी । 

इसी तरह वह कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि तथा पोखरा विश्वविद्यालय के उपकुलपति वेदराज केसी, विश्व नेपाली साहित्य महासंघ नेपाल के सल्लाहकार तथा वरिष्ठ पत्रकार पूर्णलाल चुके, विशिष्ट अतिथि विश्व नेपाली साहित्य महासंघ नेपाल की अध्यक्ष कल्पना पौडेल जिज्ञासु, विशिष्ट अतिथि लुम्बिनी प्राविधिक विश्वविद्यालय सेवा आयोग के सदस्य प्रा.डा.कृष्णप्रसाद घिमिरे, विशिष्ट अतिथि नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान के पूर्व सदस्य सचिव सनतकुमार रेग्मी, विशिष्ट अतिथि लुम्बिनी प्राविधिक विश्वविद्यालय के उपकुलपति बिनोद प्रसाद ढकाल, नेपालगञ्ज उद्योग वाणिज्य संघ के अध्यक्ष टंक बहादुर धामी ने बधाई तथा शुभकामना व्यक्त किये थे । विद्यावारिधि उपाधि प्राप्त करनेवाले सम्मानित व्यतिmत्व डा. कबिन्द्र भट्टराई, डा.जगत तिमिल्सिना, डा. हरि प्रसाद तिमिल्सिना अपनी अपनी बिचार रक्खा ।

नेपाल की पश्चिम नेपाल में भाषा साहित्य समालोचना और समग्र वाङ्मय की विकास में विगत ३ दशक से निरन्तर सक्रिय रहे नेपालगञ्ज की महेन्द्र बहुमुखी क्याम्पस के उपप्राध्यापक हरिप्रसाद तिमिल्सिना को नेपाल की दूसरी विश्वविद्यालय नेपाल संस्कृत विश्वविद्यालय ने विद्यावारिधि उपाधि प्रदान की है ।

दैलेख जिला के महाबु गाँवपालिका वार्ड नं.६ टाकुरी में बि.सं.२०२३ साल में जन्म हुई और बाँके जिला की नेपालगञ्ज उपमहानगरपालिका वार्ड नंं१८ निवासी नेपालगञ्ज को कर्म स्थल बनाते हुये प्राध्यापन और साहित्य सेवा में एक साथ सक्रिय रहे हरि प्रसाद तिमिल्सिना ने नेपाल संस्कृत विश्वविद्यालय अनुसन्धान केन्द्र में बि.सं. २०७४ वैशाख महनिे से कक्षा प्रारम्भ करके ३ सेमेस्टर की अध्ययन पश्चात् हुई परीक्षा उत्तीर्ण करके उन्हों ने बि.सं.२०७५ पौष महीने के २२ गते से स्थायी करार करके सिद्धिचरण श्रेष्ठ की खण्डकाव्य में रसविधानशीर्षक की अनुसन्धान में संलग्न रहे थे । २०८१ माघ २६ गते हरि प्रसाद तिमिल्सिना का अन्तिम वाक् परीक्षा ख्क्ष्ख्ब्  सम्पन्न किया । भाइबा की क्रम में हरि प्रसाद तिमिल्सिना ने की प्रस्तुति, शोधप्रबन्ध की परीक्षण और मूल्याङ्कन पश्चात नेपाल संस्कृत विश्वविद्यालय के शिक्षाध्यक्ष प्रा डा भीमप्रसाद खतिवडा के अध्यक्षता में बैठी  अनुसन्धान केन्द्र की मिटिङ्ग ने हरि प्रसाद तिमिल्सिना को विद्यावारिधि उपाधि प्रदान करने की निर्णय की थी ।

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३ सौ७० पृष्ठ की लम्बी शोध प्रबन्ध में हरि प्रसाद तिमिल्सिना ने पौरस्त्य साहित्य  समालोचना की महत्वपूर्ण साहित्यिक मान्यता रस सिद्धान्त की गहन सैद्धान्तिक अध्ययन करके उसी आधार में नेपाली साहित्य की स्वच्छन्दतावादी धारा की सहप्रवर्तक वरिष्ठ साहित्यकार सिद्धिचरण श्रेष्ठद्वारा रचित उर्वशी, मङ्गलमान, भीमसेन थापा, आँसु, कान्तीमती लगायत नौ  खण्डकाव्य की समिचिन विवेचना करते हुये वह खण्डकाव्य में  रस कैसे प्रयोग किया गया  वह बातों की अनुशीलन किया था ।

शोधकर्ता हरि प्रसाद तिमिल्सिना कविता, कथा निबन्ध, नियात्रा, समालोचना जैसी साहित्य की विविध विधा में सशक्त रूप में कलम चलाते आ रहे और लोपोन्मुख सोनाहा, कुछबधिहा, खुना, राजी, कुमाल जाति की भाषा, साहित्य एवं संस्कृति खोज अध्ययन भी उन्हों ने किया है । लुम्बिनी प्रदेश में प्रचलित परम्परागत गीतसङ्गीत की सर्वेक्षण तथा अध्ययन, लुम्बिनी प्रदेश के लोक कथाएँ की सङ्कलन और अध्ययन समेत की है । विगत १६ वर्ष से नेपालगञ्ज की महेन्द्र बहुमुखी क्याम्पस में नेपाली पत्रकारिता विषय की प्राध्यापन करते आ रहे हैं और भेरी साहित्य समाज लगायत विभिन्न भाषा साहित्यिक सङ्घसंस्था की नेतृत्व करके संस्थागत योगदान कर रहे है हरि प्रसाद तिमिल्सिना अपने में प्राज्ञिक व्यक्तित्व है । उन्हों ने विद्यावारिधि तह की उच्च अध्ययन नेपालगञ्ज, लुम्बिनी होते हुये समग्र देश की प्राज्ञिक उन्नयन में महत्वपूर्ण होने की अपेक्षा रही है ।

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वह कार्यक्रम में प्रा.डा. जनार्दन आचार्य, हाम्रो पूर्णिमा साहित्य प्रतिष्ठान कोहलपुर की उपाध्यक्ष सुमित्रा न्यौपाने, प्रलेस के पुष्पमणि प्रधान कमान सिंह बोहरा, साहित्यकार चरित्रा शाह, ज्ञानोदय माध्यमिक बिद्यालय के प्रधानाध्यापक ऋषिराम सापकोटा, बद्री ढकाल, हरि सुवेदी, जीत बहादुर शाह, नेपाल टेलभिजन कोहलपुर के प्रमुख बिजय वर्मा, लुम्बिनी वाङ्मय, बाँके के अध्यक्ष भरत बहादुर रानाभाट, नेपाल पत्रकार महासंघ पूर्व केन्द्रीय सदस्य झलक गैरे, नेपाल पत्रकार महासंघ बाँके शाखा के सभापति नवीन गिरी, भेरी साहित्य समाज के केन्द्रीय अध्यक्ष इन्द्र बहादुर बस्नेत, वरिष्ठ कलाकार सुन्दर गुरुङ्ग, हरित अभियन्ता हेमन्तराज काफ्ले नरेन्द्र बहादुर स्वाँर, लगायत बाँके और बर्दिया जिला के साहित्यकार, पत्रकार, शिक्षक लोगों की सहभागिता रही थी । 

उसी अवसर पर कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि तथा पोखरा विश्वविद्यालय के उपकुलपति वेदराज केसी, विद्यावारिधि उपाधि पानेवाले सभी लोगों को  शाश्वत आचार्य स्मृति प्रतिष्ठान की ओर से अध्यक्ष प्रा.डा.जनार्दन आचार्य और उपाध्यक्ष किरण आचार्यद्वारा खादा ओढाकर बधाई और सम्मान की थी, प्रगतिशील लेखक संघ लुम्बिनी प्रदेश के अध्यक्ष पंकज कुमार श्रेष्ठ और अछामी सेवा समाज की ओर भी वो लोगों को खादा ओढाकर सम्मान किया गया था ।

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