संघीयता के विवाद समाप्ति के बाद पार्टी का विधान संशोधन किया जाएगा, महाधिवेशन का बन्दसत्र अभी जारी है
विजेता चौधरी, नवलपरासी ८ अषाढ
तराई–मधेस लोकतान्त्रिक पार्टी के आज तीसरे दिन भी बन्दसत्र जारी है । पहला राष्ट्रीय महाधिवेशन के कल हुई बन्दसत्र में पार्टी के नेता वृजेश गुप्ता ने संशोधित विधान प्रसतुत किए थें जो सर्वसम्मति से पास हुई ।
उक्त विधान में संघीयता स्वीकार किया गया है लेकिन पार्टी के संघीय संरचना कैसी होनी चाहिए इस विषय में कुछ उल्लेख नहीं किया गया है । पार्टी के संगठन समावेशी तथा समानुपातिक बनाने की मात्र उल्लेख है ।
इस विषय में तमलोपा के वृषेशचन्द्र लाल कहते है, मधेस व देश में कितने प्रदेश होने चाहिये ये बात विधान में उल्लेख नहीं किया गया है । संघीयता में विवाद कायम होने के कारण पार्टी के विधान में प्रदेश संख्या तय नही किया गया है । उन्होंने राजनीतिक दस्तावेज में राज्य पुनःसंरचना आयोग द्वारा लाया गया १० प्रदेश की अवधारणा को स्वीकार करते हुए मधेस दो प्रदेश होने चाहिये उल्लेख किया है । लाला ने बताया संघीयता के विवाद समाप्त होने के बाद पार्टी के विधान संशोधन की जाएगी ।
विधान में चुनाव के प्रावधान के मुताविक ७५ सदस्यीय केन्द्रीय कार्यसमिति बनेगी । कार्यसमिति में आनेवाले पदाधिकारी तथा केन्द्रीय सदस्य के चुनाव होने का प्रावधान बनाया गया है ।
इसी प्रकार अध्यक्ष, वरिष्ठ अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष, दो महासचिव, एक कोषाध्यष तथा दो सहमहामन्त्री लगायत ५० केन्द्रीय सदस्य पद में चुनाव होगी । पार्टी श्रोत के मुताविक एक उपाध्यक्ष, एक महामन्त्री, एक सहमहामन्त्री लागयत एक सहकोषाध्यक्ष, एक प्रवक्ता, एक सहप्रवक्त के साथ १८ केन्द्रीय सदस्य को मनोनीत करने का प्रावधान विधान में उल्लेख है । सभी मनोनीत पार्टी अध्यक्ष ही करेगें ।
नेता लाल बताते हैं सभी कल्स्टर से पाँच पाँच लोग कार्यसमिति मे रखने की बात बताई । उन्हों ने विधान में महिला, मुस्लिम, आदिवासी, जनजाति तथा दलित के कोटा भी अलग किया गया है बताया ।