ईंट का जवाब पत्थर से देने के लिए ही हम एकताबद्ध हुए : राजकिशोर यादव
काठमांडू,२८ अप्रैल | छह दलों के बीच का एकीकरण सिर्फ दलों का एकीकरण ही नहीं है, बल्कि मधेशियों व थारुओं के द्वारा किया गया विद्रोह की भावना का एकीकरण है । विगत कुछ वर्षों से हम लोग दल के रुप में विभाजित थे और अपनी–अपनी जगह से मधेशी, जनजाति, पिछड़ावर्ग एवं अल्पसंख्यक समुदायों की मांगें पूरी करने हेतु हम संघर्षरत एवं आंदोलनरत थे । जिस प्रकार से संघर्ष व आंदोलन होना चाहिए था, उस प्रकार से नहीं हो पा रहा था । दूसरी तरफ मधेशी जनता की चाहत भी थी कि मधेशवादी पार्टियां एकताबद्ध हो जाए । इस प्रकार सदियों से उत्पीड़न, शोषण एवं वंचन में रहे समुदायों की भावना को कद्र करते हुए वृहत् शक्ति के रुप में छह दलों के बीच एकीकरण हुआ है ।
हमारा मुख्य एजेंडा है– देश में समतामूलक समाज की स्थापना हो । देश में भू–गोल के आधार पर, जात के आधार पर, मजहब के आधार पर, रंग व वर्ण के आधार पर किसी के साथ किसी भी प्रकार के विभेद न हो, अन्याय न हो । राज्य सभी का है और राज्य सभी के साथ समान रुप से व्यवहार करे, यही हमारी मुख्य मांगें रही हैं । नेपाल की विविधता को सम्बोधन करने हेतु संघीय व्यवस्था तथा आत्म निर्णय के अधिकार सहित के स्वायत्त प्रदेश निर्माणार्थ जब हम लोग आंदोलनरत थे और हमारा आंदोलन भी जब चरमोत्कर्ष में था, उस समय तत्कालीन सरकार हमारी मांगों को सम्बोधन हेतु स्वीकार भी की थी । लेकिन जब बात आई कार्यान्वयन करने की, तो सरकार अपने वादे से मुकर गई और राज्य द्वारा हम लोगों पर दमन किया जाने लगा । अर्थात् मधेशियों के साथ अन्याय–अत्याचार करने लगा । इसीलिए ईंट का जवाब देने के लिए एकताबद्ध होने की आवश्यकता महसूस हुई और आज हम एकताबद्ध हुए भी ।
(राजकिशोर यादव, अध्यक्ष मण्डल के नेता, राष्ट्रीय जनता पार्टी)
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