कोरोना के बढ़ते प्रभाव का सीधा असर नेपाल-भारत सीमा सोनौली पर
कोरोना के बढ़ते प्रभाव का सीधा असर नेपाल-भारत सीमा सोनौली में दिखने लगा है। करीब एक साल पहले जैसे हालात सीमा पर दिखाई दे रहे हैं। अब सीमा से सिर्फ इमरजेंसी में ही एंट्री मिलेगी। भारत व नेपाल दोनों देशों के प्रशासन ने 72 घंटे के अंदर की कोरोना जांच रिपोर्ट को अनिवार्य कर दिया है।
शुक्रवार से भारत से नेपाल आने वाले भारतीय नागरिकों के प्रवेश पर नेपाल प्रशासन ने रोक लगा दिया है। वहीं नेपाली नागरिकों के प्रवेश पर भारतीय प्रशासन भी शनिवार से सख्त हो गया है। अब बिना कोरोना जांच रिपोर्ट कोई भी भारतीय नागरिक नेपाल में प्रवेश नहीं पा सकेगा और न ही नेपाली नागरिक को भारत में एंट्री मिलेगी। सिर्फ इमरजेंसी में ही लोगों को आने-जाने की छूट मिलेगी। शनिवार को सोनौली सीमा से सैकड़ों भारतीय नागरिकों को नो मेंस लैंड से नेपाल पुलिस ने वापस कर दिया। सभी लोग गोरखपुर, लखनऊ मंडल सहित आसपास के रहने वाले लोग थे। वहीं एसएसबी भी सीमा से सिर्फ भारतीय नागरिकों को ही भारत में एंट्री दे रही है। वह भी ऐसे लोग जो नेपाल में फंसे हैं।
भारत में कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए नेपाल प्रशासन ने सीमा पर सख्ती शुरू की है। शुक्रवार को गुजरात, महाराष्ट्र और दिल्ली से आने वाले पर्यटकों पर रोक लगी थी। शनिवार को भी सभी भारतीय नागरिकों को नेपाल प्रवेश करने से रोक दिया गया।
अचानक दोनों तरफ से सख्ती से भारतीय कस्टम एजेंट नेपाल कस्टम कार्यालय नहीं जा पा रहे है। इसका दोनों देशों के ट्रेड पर असर पड़ रहा है। भारतीय अधिकारियों ने बताया मरीज, एम्बुलेंस, पढ़ाई या इमरजेंसी में दवा, यात्रा की टिकट, सेना में काम करने वाले नेपाली नागरिकों का कागजात देखने के बाद सीमा से एंट्री दी जाएगी।