आंकड़े के अनुसार युवाओं की ज्यादा उम्मीदवारी नहीं पड़ी है, देखिए किसकी कितनी है ?
कांचना झा, काठमांडू, १२ अक्टूबर –राजनीति में युवाओं की अगर सक्रियता नहीं होगी तो देश के विकास में बाधा ही होगी । युवा है तो परिवत्र्तन संभव है क्योंकि युवाओं के साथ नई सोच है जो देश को विकास की ओर ले जाएगा । युवाओं का राजनीति में आना अच्छा और खराब दोनों पक्ष हो सकते हैं । कभी इसका नतिजा गलत भी हो सकता है लेकिन हम गलत ही सोचे, ये कहाँ लिखा है । हम सकारात्मक सोच भी रख सकते हैं । हम यह सोच रख रहें हैं कि इस बार के चुनाव में युवाओं की लहर देखने को मिलेगी लेकिन जब आंकड़े की बात आती है तब पता चलता है कि इस बार भी युवाओं की ज्यादा उम्मीदवारी नहीं पड़ी है ।
प्रतिनिधिसभा और प्रदेशसभा सदस्य के इस बार के निर्वाचन में प्रत्यक्ष की ओर से युवा उम्मीदवारों की संख्या और घट गई है । प्रमुख राजनीतिक दलों ने आकांक्षी युवाओं को टिकट से वञ्चित करते हुए २०७४ के संसदीय और गत स्थानीय निर्वाचन में से भी कम युवाओं की उम्मीदवारी दी गई है ।
प्रतिनिधि सभा के १ सौ ६५ सीट में २ हजार ५ सौ ३१ और प्रदेशसभा के ३ सौ ३० सीट में ३ हजार ४ सौ ८१ करके ६ हजार १२ लोग उम्मीदवार हैं । जिसमें २५ से ४० वर्ष तक के १ हजार ८ सौ ५३ लोग अर्थात् ३० दशमलव ८२ प्रतिशत मात्र युवा है । २०७४ के निर्वाचन में ३४.८५ प्रतिशत युवा उम्मीदवार थे । प्रतिनिधिसभा और प्रदेशसभा सदस्य के लिए उम्मीदवारी देनेवाले ५ हजार १ सौ ९० में १ हजार ८ सौ ९ अर्थात् ३४ दशमलव ८५ प्रतिशत ४० वर्ष कम के थे ।
अब आइए जाने कि पाँच महिना पहले हुए स्थानीय तह के निर्वाचन में क्या था तो स्थानीय तह के निर्वाचन में १ लाख ४५ हजार १३ उम्मीदवार मध्ये ५९ हजार ४ सौ ७२ लोग अर्थात् ४१ प्रतिशत युवा थे । स्थानीय तह में ४० वर्ष से कम के १४ हजार ४ सौ ४ लोग निर्वाचित हुए । जो अभी हैं उस मध्ये का ४० प्रतिशत है । इस बार की प्रतिनिधि सभा सदस्य में २५ से ४० वर्ष तक के ७ सौ ८३ लोग उम्मीदवार हैं । २५ वर्ष के उम्मीदवार २० लोग हैं । ४१ से ९९ वर्ष १ हजार ७ सौ ४८ अर्थात् ६९ प्रतिशत हंै ।
८० वर्ष से ९९ वर्ष तक १० लोग हैं । ९९ वर्ष के टीकादत्त पोखरेल ने गोरखा–२ में नेपाली कांग्रेस बीपी के ओर से उम्मीदवारी दिया है । राप्रपा के ८७ वर्षीय युवराम गौतम ने तेह्रथुम, ८० वर्ष के लोसपा के महन्थ ठाकुर ने महोत्तरी–३, राष्ट्रिय जनमोर्चा के चित्रबहादुर केसी ने बागलुङ १, स्वतन्त्र से हृदयनारायण प्रसाद बरै ने पर्सा–१ से उम्मीदवारी दिया है । इसी तरह माओवादी से ८५ वर्षीय महिन्द्रराय यादव ने सर्लाही ३, स्वतन्त्र से ८५ वर्ष के ही विष्णुप्रसाद ढ़काल काठमांडू –६ और ८४ वर्षीय पशुपतिनाथ तिमिल्सिना ने स्वतन्त्र से कास्की–३ में उम्मीदवारी दी है । इसी तरह डडेलधुरा में ८४ वर्ष के ही कर्णसिंह रावल और ८१ वर्ष के कृष्णराज गिरी ने बारा–१ से स्वतन्त्र उम्मीदवारी दी है ।
प्रदेशसभा में २५ से ४० वर्ष तक के १ हजार ७० युवाओं ने प्रत्यक्ष की ओर से उम्मीदवारी दी है । ये कुल उम्मीदवारी का ३०.७३ प्रतिशत है । २५ वर्ष के उम्मीदवार ३२ लोग हैं । ४० वर्ष से उपर के उम्मीदवार २ हजार ४ सौ ११ और ८० वर्ष से ज्यादा ४ उम्मीदवार हैं । पर्वत १ (२) से राप्रपा के ८५ वर्षीय बालकृष्ण पौडेल ने उम्मीदवारी दिया है । म्याग्दी १ (२) में ८१ वर्षीय झलकबहादुर बानियाँ ने राप्रपा से अपनी उम्मीदवारी देने की निर्वाचन आयोग ने जानकारी दी है । ८० वर्ष के जयप्रसाद चौलागाईं ने झापा–४ (२) में स्वतन्त्र और दिलबहादुर सोदेम्बा ने तेह्रथुम–१ (२) लोसपा से उम्मीदवारी दी है । प्रदेशसभा के उम्मीदवारी में सबसे ज्यादा ४० से ४९ वर्ष के १ हजार ६८ लोग हैं । ६० से ६९ वर्ष के ४ सौ ८ लोग हैं ।
प्रतिनिधि सभा के चुनाव में प्रत्यक्ष की ओर से राप्रपा के १ सौ ४५, एमाले के १ सौ ४४, राष्ट्रिय स्वतन्त्र पार्टी के १ सौ ३३, कांग्रेस के ९२, लोसपा के ५३, माओवादी के ४७, जसपा के ३४ और एकीकृत समाजवादी के २५ लोग उम्मीदवार हैं । निर्वाचन आयोग के अनुसार प्रतिनिधिसभा सदस्य के लिए ९ सौ ४४ लोगों ने स्वतन्त्र उम्मीदवारी दी है । प्रदेशसभा सदस्य में स्वतन्त्र से १ हजार २ सौ ७८, राप्रपा के २ सौ ८२, एमाले के २ सौ ८६, कांग्रेस के १ सौ ८७, माओवादी के १ सौ १६, जसपा के १ सौ ४५, एकीकृत समाजवादी के ८५ और लोसपा के ७८ लोग उम्मीदवार हैं ।
प्रतिनिधि सभा के प्रत्यक्ष की ओर से महिला उम्मीदवार २ सौ ३५ लोग अर्थात् ९.२८ प्रतिशत मात्र है । कांग्रेस ने ६, एमाले ने १२, माओवादी ने ८, एकीकृत समाजवादी ने केवल १ महिला को टिकट दिया है । सबसे ज्यादा उम्र के उम्मीदवारों को उठाया है राप्रपा ने । उसने भी केवल ८ महिलाओं को ही समेटा है । जसपा से ७ और लोसपा ३ महिला उम्मीदवार हैं । स्वतन्त्र उम्मीदवारी देने वाले महिला ८५ हैं ।
प्रदेश में ३ हजार १ सौ ८३ पुरुष और २ सौ ९७ महिला उम्मीदवार हैं । प्रदेश में ८.५३ प्रतिशत ही महिला उम्मीदवारी दी गई है । कांग्रेस ने ५, एमाले ने ११, माओवादी ने ९, एकीकृत समाजवादी ने ७, लोसपा ने ८, जसपा ने १३, राप्रपा ने १८ महिला उम्मीदवारों को उठाया है । स्वतन्त्र से उम्मीदवारी देने वाली महिला १ सौ ८ है । दोनों सभा में पुरुष उम्मीदवार ५ हजार ४ सौ ७९ (९१.१३ प्रतिशत)और महिला ५ सौ ३२ (८.८४) हैं । तेस्रो लिंगी (प्रदेशसभा) १ है । सर्लाही–२ (२) में नेपाली जनता पार्टी से उम्मीदवारी देने वाले महेन्द्र साह तेली तेस्रो लिंगी हैं ।
राजनीति में समावेशिता की बहुत आवश्यकता है । ये तो दुर्भाग्य है देश का की जहाँ कोई नीति नियम नहीं है । हर किसी को अपने परिवार और अपने गर्ल फ्रेन्ड को आगे बढ़ाने की पड़ी रहती है । इस बार भी कथित बड़े पार्टियों ने भी नये चेहरे को शामिल नहीं किया है । कहीं न कहीं डर तो है कि अगर देश की सत्ता में नये चेहरे आऐंगे तो आने वाले समय में उन्हें ही दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा । कुछ ऐसी ही सोच के कारण उन्होंने अपने दलों से ज्यादा युवाओं का टिकट नहीं दिया है । कंचना झा