चीन को मुंहतोड़ जवाब देगा भारत, अरुणाचल में तैनात होगी दुनिया की सबसे तेज मिसाइल
नई दिल्ली. चीन की चुनौतियों से निपटने के लिए पूर्वोत्तर में भारत ने बड़ी पहल की है। अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल की तैनाती को हरी झंडी दे दी गई है। जानकारों के मुताबिक यह चीन के खिलाफ भारत की पहली बड़ी आक्रामक, रणनीतिक तैनाती होगी।
पाकिस्तान की ओर से किसी खतरे का मुकाबला करने के लिए अब तक तीन ब्रह्मोस मिसाइलें पश्चिमी सेक्टर में तैनात हैं। अरुणाचल प्रदेश में तैनात की जाने वाली ब्रह्मोस की यह चौथी रेजिमेंट होगी।
290 किलोमीटर दूर के निशाने को भेदने में सक्षम ये क्रूज मिसाइलें तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में भारतीय सेना की पहुंच आसान करने और भारत-चीन सीमा पर चीन की मिसाइल तैनाती का मुकाबला करने के लिए तैनात की जा रही हैं (ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में सब कुछ जानने के लिए रिलेटेड आर्टिकल पर क्लिक करें)।
चीन सीमा पर सेना के विस्तार के तहत पश्चिम बंगाल के पानागढ़ में कोर हेडक्वार्टर की स्थापना तथा दो और डिविजन तैनात किए जाने का प्रस्ताव है। इसके तहत एक आर्टिलरी डिविजन और स्वतंत्र आर्मर्ड ब्रिगेड की तैनाती भी की जाएगी।
जानकार सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना के विस्तार का यह दूसरा चरण है लेकिन सशस्त्र सेनाओं की जरूरत के लिहाज ऐसा जल्द ही किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पंचवर्षीय विस्तार योजना को भी मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत 89 हजार सैनिकों और 400 अफसरों की बहाली का प्रस्ताव है।
इस विस्तार पर करीब 65 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसे देश का एक बार में सबसे बड़ा सैन्य विस्तार माना जा रहा है। हालांकि यह प्रस्ताव अभी वित्त मंत्रालय के विचाराधीन है और इसे सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी के सामने लाया जाएगा।
कमेटी ने हिंद महासागर में निगरानी और कड़ी करते हुए भारतीय द्वीपों की सुरक्षा पर भी खासा ध्यान देने का फैसला किया है। अंडमान निकोबार द्वीप समूह में नौसेना के अलावा सेना की दो ब्रिगेड जबकि लक्षद्वीप एक बटालियन की तैनात पर भी विचार किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि इन द्वीपों पर वायु सेना की मौजूदगी भी बढ़ाई जा रही है।
सैन्य ताकत के मामले में वैसे तो चीन, भारत और अमेरिका से भी आगे है। यूएस नेवल इंस्टीट्यूट के अनुसार अमेरिका (14 लाख) की तुलना में चीन (34 लाख) के पास 150 प्रतिशत ज्यादा सैनिक हैं। इसके बावजूद अरुणाचल में ब्रह्मोस की तैनाती से भारत अपनी सीमा की रक्षा पहले की तुलना में काफी पुख्ता तरीके से कर सकेगा।