विराटनगर में अधिकार के लिए जगी मधेशी महिला, अभी नहीं तो कभी नहीं के नारे के साथ उतरी सडक पर
जितेन्द्र ठाकुर, विराटनगर, ३१ अगस्त |
हमेशा चूल्हा चौका में रहने वाली महिलाएँ भी अपने अधिकार के प्रति सजग हो गई हैं और उसे संविधान में जगह दिलाने के लिए आन्दालन में अग्रपंक्ति में खड़ी हैं । अपने अपने घरों से निकल कर और घरेलु सामान के साथ विगत के समझौते को नए संविधान में स्थान दिलाने के लिए आन्दोलनरत है । अभी नहीं तो कभी नहीं के नारे के साथ वो सब मधेश केन्द्रित दलों संयुक्त लोकतान्त्रिक मधेशी मोर्चा तथा मधेश बचाउ संघर्ष समिति द्वारा किए गए अनिश्चतकालीन मधेश बन्द के क्रम में मोरगं के विभिन्न स्थान में विगत के समझौता कार्यान्वयन करने के लिए और अन्तिरम संविधान अनुसार संविधान निर्माण करने के लिए दवाव स्वरूप सड़क में उतर आई हैं । उनका मानना है कि अभी भी अगर आन्दोलन में नहीं आए तो भावी संतति अपने अधिकार से वंचित रह जाएँगे इसलिए घर का काम छोड़कर सडक पर आना पडा है । विराटनगर के भारतीय नाका रानी में सोमवार मधेशी महिलाओं ने हाथों में झाडु , छोल्नी ,बेलन सहित प्रदर्शन किया है । मधेश बचाओ महिला संघर्ष समति की अगुवाई में आयोजित प्रदर्शन पश्चात कोण सभा कर महिला वक्ताओं ने मधेश का एजेन्डा संविधान में संस्थागत करने के लिए किसी भी प्रकार के बलिदान के लिए स्वयं को तैयार बताया । बद्धी देवी साह ने मधेश को बाँटने वालों को मधेश में ना आने की चेतावनी दी । उन्होंने कहा कि अब हम अपने अधिकार को सडक से ही लेंगे । मधेश और मधेशी महिला जग गई हैं अब उन्हें नजरअंदाज कर के संविधान लागू करने की किसी में भी हिम्मत नहीं है । अगर अभी अपने अधिकार के लिए हम नहीं लडें तो हमारी संतान हमें धिक्कारेगी । इसी तरह सविना खातुन ने भी मधेश के मुद्दा को संस्थागत करने के लिए किसी भी प्रकार के बलिदान के लिए तैयार बताया । समिति की आशा झा ने विगत में राज्य पक्ष से मधेश संग सम्झौता करने वाले बेवकूफ नहीं थे इसलिए उसे संम्बोधन करना ही होगा । महिला नेतृ आरती साह ने भी कहा कि तीन दल चाह कर भी मधेश के मुद्दा को नकार नहीं सकते हैं । उन्होंने प्रशासन को चुनौती दी कि अगर हिम्मत है तो दिन में स्कर्टिंग कर के गाडी चलाए । रात में यह करना तो कायरता है । इससे आन्दोलन और भी सशक्त होगा कमजोर नहीं ।