हम लोग चुनाव के खिलाफ हैं : भगवती यादव
भगवती यादव, काठमांडू, १८ अप्रैल | देश में चुनाव होना आति आवश्यक है । क्योंकि चुनाव लोकतंत्र की रीढ़ है । चुनाव बिना लोकतंत्र की कल्पना भी नहीं की जा सकती है । लेकिन मौजूदा परिस्थिति को देखने से यह लगता है कि हर कोई असमंजस में पड़ा हुआ है कि चुनाव होगा या नहीं । सबसे बड़ा क्वेश्चनमार्क यही रहा है । देश लोकतांत्रिक गणतंत्रात्मक शासन व्यवस्था में प्रवेश कर चुका है लेकिन सदियों से शोषित, वंचित एवं बहिष्कृत रही देश की आधी आबादी अभी भी पूर्णरुपेण लोकतांत्रिक गणतांत्रिक शासन व्यवस्था को महसूस नहीं कर पा रही है । इस शासन व्यवस्था को अपनत्व महसूस करने के लिए जरुरी है कि मौजूदा संविधान उनके हित अनुकूल हो ।
वर्तमान में सरकार व मुख्य पार्टियां मधेश को दरकिनार कर चुनाव की तारीख घोषणा की है । वैसे चुनाव की घोषणा के साथ–साथ चुनाव करने व करवाने का काम सरकार का है । सरकार चाहेगी तो चुनाव करवा सकती है । चाहे एक चरण में हो या दो चरणों में हो । लेकिन सवाल है कि चुनाव शांतिपूर्ण होगा या खूनी चुनाव होगा, इन्हीं सवालों पर अभी देश की राजनीति घूम रही है । जहां तक सवाल है चुनाव में सहभागी होने का, तो मैं बल देकर कहना चाहूंगी कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती, तब तक चुनाव में हमारी भागीदारी नहीं होगी । दुनियां भी जानती है कि यह चुनाव मधेश के हित विपरीत है । कथंकदाचित हमारी मांगे पूरी किए बगैर मधेश में जबरन चुनाव करवाया जाता है, तो बहिष्कार के साथ–साथ होने भी नहीं देगे ।
(भगवती यादव महिला मंच भक्तपुर की उपाध्यक्ष हैं ।)
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