इस चुनाव में भी राजपा शामिल नहीं हुई तो परिणाम भयावह होगा : अशोक महासेठ
डा. अशोक महासेठ, काठमांडू | नेपाल सरकार द्वारा दो चरण के स्थानीय चुनाव की सफलता के बावजूद भी तीसरे चरण के प्रदेश २ के चुनाव कराने में दिल की धडकन तेज बनी ही हैं । अभी तक राष्ट्रीय जनता पार्टी नेपाल कहती आ रही हैं कि जब तक संविधान संशोधन नहीं होगा तब तक चुनाव में भाग नहीं लेंगें। कांग्रेस ,एमाले और माओवादी केन्द्र की रणनीति के अनुसार संविधान संशोधन नहीं करना है और इसी तरह यह समय गुजार देना है । पहले के दो चरण के चुनाव में भी यही हुआ है और अभी भी यही हो रहा है । इस हालात में यह तो तय है कि संविधान संशोधन अनिश्चित हैं, इस परिस्थिति में तीनो पार्टी चुनाव प्रचार के अभियान का राग अलाप रही हैं । एमाले पार्टी का निर्णय है कि कुछ केन्द्रीय सदस्य जाकर सर्वे करें कि मधेश के ८ जिलों में वास्तविक स्थिति क्या हैं , तो माओवादी पार्टी में प्रचण्ड जी जनकपुर के बन्द कमरे में कुछ सहयोगी को लेकर चुनावी बैठक किए हुए हैं । प्रचण्ड जी खुद ८ जिला के चुनावी प्रचार को सम्बोधन करेंगें । उन्हें डर है कि अगर अन्य नेता को भेजा गया तो हो सकता है कि बुरा हाल हो जाय । वहीं पर वोट माँगने के लिए उनका एक बार फिर से पुनः पुराना नारा शुरु हो चुका है। एक बार फिर से एक मधेश एक प्रदेश का मोहरा फेका जा रहा है । यह सब फिर मधेशी जनता को लोभ में फंसाने की बात हैं । इसे ही कहते है कि हाथी का दांत दिखाने का और है तो खाने का और । इसके साथ साथ कई लुभानेवाली बातें भी चुनावी बयार में जारी है ।
कुछ ही दिन पहले कांग्रेस का चुनावी अभियान जनकपुर के सीता होटल के एक कमरे में सम्पन्न हुआ । जहाँ कोइृ तामझाम नहीं था और न ही कोई सरगर्मी थी । इस अवस्था को देखाते हुए यह महसूस हो रहा है कि इन तीनो पार्टी के भीतर भय समाया हुआ है । भारत के राष्ट्र कवि दिनकर की एक कविता याद आ गयी वह यह हैं ः
मैं एक हूं, तु सात हैं
झेलता न तेरा वार हैं
तुम वीर कैसे चीख कर सौ सौ बार है
कुछ ऐसा ही यहाँ हाल है इन दिनो राजपा एक है और चुनावी प्रचार से दूर है । बाद बाकी सभी पार्टी चुनाव की तैयारी में हैं । उनके पास पुलिस हैं, सेना हैं, कानून है ,पैसा है, अन्य शक्तियाँ हैं फिर भी भय है तो वहीं सत्य का भय कहलाता हैं ।क्योंकि प्रत्येक इंसान के भीतर सत्य की खोज होती है फिर भी अपनी मूर्खता के कारण वह गलती पर गलती करता जाता हैं ।
वर्तमान सरकार यही गलती कर रही है । अगर इस चुनाव में राजपा शामिल नहीं हुइृ तो परिणाम भयावह हो सकता है । अभी भी समय हैं देश का विखणडित होने से बचा लिया जाय और समस्या को हल करते हुए सभी पार्टी चुनाव में जायँ ।