गुणस्तरीय शिक्षा के विरुद्ध में शिक्षा मंत्री
काठमांडू, ४ भाद्र । उपप्रधान तथा शिक्षामन्त्री गोपालमान श्रेष्ठ गुणस्तरीय शिक्षा के विरुद्ध में लगे हुए हैं । आज प्रकाशित कान्तिपुर दैनिक के अनुसार मन्त्री श्रेष्ठ सामुदायिक विद्यालयों कि गुणस्तर को कमजोर बनाने में लगे हैं । विगगत कुछ सालों से आलोचना हो रही है कि सामुदायिक विद्यालयों की गुणस्तर कमजोर हो रही है । विद्यालय की शैक्षिक अवस्था को सुधार करने के लिए खुला प्रतिस्पर्धा से शिक्षक भर्ना करना चाहिए, ऐसी बात भी हो रही है । लेकिन ऐसी अवस्था में मंत्री श्रेष्ठ ने अस्थायी शिक्षकों की पक्ष लेते हुए स्थायी करने की चक्कर में लगे हुए हैं । जिसके चलते योग्य, सक्षम और नयां शिक्षक हतोत्साहित होते हैं ।
लेकिन मन्त्री श्रेष्ठ का कहना है कि अस्थायी शिक्षक को स्थायी करने से गुणस्तर में कोई भी बदलाव नहीं होगा । उन्होंने कहा है– ‘आन्तरिक परीक्षा में उत्तीर्ण शिक्षक ही स्थायी होते हैं, दूसरा नहीं ।’ मन्त्री श्रेष्ठ ने कहा कि अस्थायी शिक्षकों की मानवीय पक्ष को दृष्टिगत करके ही यह निर्णय ली गई है ।