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आशीष नेहरा ने किया रिटायरमेंट का ऐलान, फैंस कभी नहीं भूलेंगे नेहरा का 2003 वर्ल्ड कप का करिश्मा

आशीष नेहरा ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूप को अलविदा कहने की घोषणा कर दी है। वह अपने घरेलू मैदान (दिल्ली का फिरोजशाह कोटला) पर क्रिकेट को अलविदा कहेंगे। 01 नवंबर को वह अपने जीवन का अंतिम मैच खेलेंगे। भारतीय क्रिकेट में भले ही कई महान गेंदबाज आए और चले गए लेकिन वीरेंद्र सहवाग के शब्दों में ‘नेहरा जी’ को उनकी जीवटता, अनुशासन और कमबैक मैन के रूप में हमेशा याद किया जाएगा।18 साल के मिले-जुले करियर में उन्हें 12 सर्जरी से गुजरना पड़ा, पिछले साल मई में सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से आईपीएल मैच खेलने के दौरान वो चोटिल हुए थे और अपने टखने के ऑपरेशन के लिए लंदन गए थे। लगभग एक साल के बाद उन्हें टी-20 के लिए मैच में चुना गया लेकिन उन्हें अभी तक बेंच पर ही बैठना पड़ा है। नेहरा एक नसीब वाले खिलाड़ी हैं जिन्हें कम से कम BCCI ने अपने घरेलू मैदान और दर्शकों के बीच क्रिकेट को अलविदा कहने का मौका तो दिया। देश के कई ऐसे दिग्गज खिलाड़ी भी हैं जिन्हें तो संन्यास लेने का मौका भी नहीं मिला।आशीष नेहरा ने किया रिटायरमेंट का ऐलान

आशीष नेहरा और चोट का अन्योनाश्रय संबंध रहा है, हाल के एक इंटरव्यू में जब उनसे यह पूछा गया कि आपके शरीर में कहां चोट नहीं लगी और सर्जरी नहीं हुई है तो उन्होंने अपना जीभ दिखाया और साक्षात्कार लेने वाले भी हंसने लगे। नेहरा मैदान पर जितने गंभीर दिखते हैं वो उतने ही नहीं। टीम इंडिया के मौजूदा कप्तान ने भी हाल के एक साक्षात्कार में खुलासा किया कि वो अगर आपके आस-पास हैं तो आप हँसते रहेंगे। उनके साथी खिलाड़ी गौतम गंभीर ने भी एक साक्षात्कार में बताया कि नेहरा के रहते हुए आपको हंसाने वाले की कोई कमी नहीं महसूस होगी। बहुत कम तेज गेंदबाज ऐसे होते हैं जो इतना लंबा खेल पाते हैं, इस दौरान इन्हें कई बार चोट लगी तो कई बार सालों टीम से बाहर रहे. लेकिन उनके जीवन का एक मैच ऐसा भी था जिसे पूरी दुनिया हमेशा याद रखेगी।

एक नवंबर को अपना आखिरी मैच खेलेंगे

26 फरवरी 2003, वर्ल्ड कप का मैच, टीम इंडिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया और विपक्षी इंग्लैंड के खिलाफ निर्धारित 50 ओवर में 250/9 बनाए। राहुल द्रविड़ ने इस मैच में सर्वाधिक 62 रन बनाए थे लेकिन असली कहानी और इतिहास आशीष नेहरा ने लिखी। उनकी तबीयत ठीक नहीं थी, अपने स्पेल के दौरान उन्हें डीहाड्रेशन हो रहा था, उन्हें कई बार उल्टियां भी हुई लेकिन इस खिलाड़ी ने दम नहीं हारा और 10 ओवर में 2 मेडन फेंक इंग्लैंड के 6 विकेट चटकाए। उनकी स्विंग करती गेंदों पर इंग्लैंड खिलाड़ी बेबस और लाचार दिख रहे थे। नेहरा ने माइकल वॉन, कप्‍तान नासिर हुसैन, एलेक स्‍टुअर्ट, पॉल कॉलिंगवुड, क्रैग वाईट और रॉनी ईरानी को अपना शिकार बनाया। उन्हें मैच के बीच में तुरंत फूर्ती के लिए कभी केले खाने पड़ रहे थे तो कभी ग्लूकोज पीना पड़ रहा था लेकिन इन्होंने अपनी जीवटता से साबित किया कि अगर आप में जुनून है तो लक्ष्य पाना मुमकिन है। भारत ने 82 रन से यह मैच जीता और नेहरा का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया।

फैंस कभी नहीं भूलेंगे नेहरा का करिश्मा

नेहरा के इस करिश्मे के बारे में हर कोई जानता है। लेकिन रांची में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए पहले टी-20 के दौरान वीरेंद्र सहवाग ने इसी मैच से जुड़ा आशीष नेहरा का एक राज खोला था। वीरेंद्र सहवाग ने कहा था कि इंग्लैंड के खिलाफ मैच के दो दिन पहले नेहरा चोटिल हो गए थे। उनके पैर में इतनी सूजन थी कि वह जूता भी पहन नहीं सकते थे। वो फिर भी हर हाल में मैच खेलने के लिए तैयार थे। अगले दो दिन तक नेहरा पूरे वक्त बर्फ की थैली लेकर पैर की सिंकाई करते रहे। सहवाग ने बताया कि इस दौरान टीम हाई कमीशन भी गई थी, तो वहां भी नेहरा अपने साथ बर्फ की थैली लिए हुए थे। हालांकि, इसके बावजूद नेहरा के पैर में कोई खास सुधार नजर नहीं आया था।



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