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डा. सि के अाैर डा. के सी की ललकार,ढिली पडी नेपाली सरकार : अब्दुल खानं

अब्दुल खानं, वर्दिया | महत्मा गान्धी के जीवन से प्रभावित यह दाेनाे डाक्टर अन्तत: सत्य अाैर न्याय का सहारा लेकर सत्याग्रह का अान्दोलन छेड कर नेपाल देश की सम्पुर्ण व्यवस्था काे हिला दिया। डा. सि के अाैर डा. के सी के अावाज काे अनसुना करना नेपाली राज्य के लिए दुर्भाग्य शावित हाेगा। इनके विचार उस महान व्यक्तित्व से प्रभावित है। जिनके विषय मे अमरिका के सेक्रेटरी अफ स्टेट जर्नल जर्ज सी मार्शल ने कहाँ है, महत्मा गान्धी अाज पुरी दुनया के अात्मा के प्रतिनिधि बन चुके है। जिस ने सत्य अाैर नम्रता काे समराज्य से शक्तिशाली बनाया है। महान वैज्ञानिक अल्वर्टअाईन्स्टाइन ने कहा ह‌ै अाने वाली पिडियाें काे मुस्किल से विश्वास हाेगा कि ऐसा भी हाड मासं का काेई मानव भी पृथ्वी पर पैदा लिया था। यिनके मार्ग का अनुसरण कर यह लाेग नेपाली समराज्य काे चुनाैती दी है।नेपाली राज यिनके ललकार से ढिली पड चुकी है। डा. सि के राउत विते ५/६ बर्षाे से लगातार खुलके मधेश अाजादी अभियान काे गति प्रदान कर रहे है।

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सत्य अाैर अहिंषा काे राेडम्याप बनाकर चलने वाले डा. राउत काे वार वार नेपाल सरकार गिरफ्तार कर अनेकन यातनाए दे रही है | तमाम मुकदमे चला रही है। उनके अभियान से जुडने वालाे काे भी वही किया जा रहा है, परन्तु उनका अास्था अाैर भी शान्ति मार्ग पर मजबुत हाेते दिख रही है। नेपाल सरकार अाैर उस के मिडिया ने अन्देखा अाैर अन्सुना कर रही है। इसी कसमकस मे उनका विचार अाैर तेजी से पन्पा अाज सवा कराेण मधेशयाे के अात्मा के प्रतीक बन चुके हैं। उन के वे बुन्यादी गिरफ्तारी ने दुनया के मानवअधिकार वादियाे ने कलम चलाया है। नेपाल के न्यालय ने उन्हें निर्दाेष शावित किया है। उन का मान्ना है,यह २१ वी शदी अाजादी की शदी है। इस शताब्दी मे काेई किसी काे गुलाम बना कर उस पर शासन करने का हक नही है ।उपनिवेश वाद का अन्त हाेना चाहिए। उनके यिस अावाज काे दबाने के लिए नेपाली पुलिस हर तरह का हथखण्डा अपना रही है, पर उनके शान्ति गामी अजय अस्त्र के सामने सब मन्द हाे जाते है। पिच्छले दाे बर्षाे से डा. के सी ने भी वार वार सत्ग्रह कर नेपाली राज मे हाे रहे स्वास्थ्य क्षेत्र के माफिया तन्त्र अाैर भ्रष्टाचार काे खतम करने मे अपनी याेगदान दे रहे है। अाज उनहे नेपाल सरकार के राजनितिक अाड मे नियुक्त किए गए सुपरिम कार्ट के मुख्य न्यायाधीश के अादेश पर उनहे अदालत का मान हानी करने के जुल्म मे हिरासत मे लिया गया, उन के बचाउ के समर्थन मे नेपाल के पुर्व प्रधानमन्त्री से लेकर बुद्धिजीवी सर्कल तक निकल पडा,नेपाली मिडिया उनका जम कर साथ दे रही है। उनहाेने शावित करदिया कि नेपाल कि न्याय व्यवस्था भी विश्वास याेग्य नही है, उन के यिस भ्रष्टाचार के खिलाफ के सत्यग्रह ने भी नेपाली राज की पतलुन ढिली कर दी। यिन दाेनाे डाक्टराे का मार्ग एक ही है पर एक उपनिवेश के खिलाफ है,जिसका मिडिया साथ नही दे रही है। दुसरा भ्रष्टाचार के खिलाफ है, जिसका मिडिया भरपुर साथ दे रही है, लेकिन दाेनाे डाक्टराे के ललकार ने नेपाल सरकार ढिली पडगई है। अब्दुल खानं- बर्दिया।

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