नारायणी अस्पताल के २२ लाख किलिया मशीन काे ४ लाख में मेसु हक द्वारा बदलने की पुष्टि
वीरगन्ज ६ बैशाख ।
नारायणी अस्पताल के प्रयोगशाला मे रहे किलिया मशीन के अदलाबदली करने की पुष्टि हुई है। थाइराइड परीक्षण करने वाली किलिया मशीन मर्मत के लिए अस्पताल ने वैशाख १७ गते हस्पिटेक इन्टरप्राइजेज काे पत्राचार किया । जबकि चैत पहले सप्ताह में पुरानी किलिया मशीन प्रयोगशाला से बदला गया था ।
मँहगी मेगुल्मी ८०० किलिया मशीन की जगह सस्ती जिसेन सिआइए ६०० किलिया एनालाइजर प्रयोगशला में रखा गया था । निमित्त मेडिकल सुपरिटेन्डेन्ट डा.एनामुल हक ने शुरु में किलिया मशीन नही बदलने का दावा किया था ।
सामाचार प्रकाशित हाेने के बाद मेसु हक ने वैशाख ३ में अस्पताल के सभाकक्ष में पत्रकार सम्मेलन आयोजन कर के किलिया मशीन मर्मत के लिए भेजने का दावा किया था । करीब २२ लाख पचास हजार रुपया मूल्य का मेगुल्मी ८०० किलिया मशीन के बदले साढे चार लाख रुपया मूल्य बराबर का जिसेन सिआइए ६०० किलिया एनालाइजर मशीन अस्पताल के प्रयोगशाला में रखा था ।
समाचार बाहर आने के बाद वैशाख ६ गते शाम के समय में पुरानी किलिया मशीन लाकर प्रयोगशाला में रखा गया । सस्ती किलिया मशीन ले गया ।
काठमाडौँ के हस्पिटेक इन्टरप्राइजेज के नाम में लिखे पत्र में ‘इस अस्पताल के प्रयोगशाला विभाग में रहे मेगुल्मी ८०० मशीन, ८० केभिए सिटी स्क्यान मशीन का युपिएस और सिटी स्क्यान रिपोर्टिङ करने वाला कम्प्युटर का सफ्टवेयर काम नही करने की अवस्था के कारण सेवा प्रवाह मे् समस्या हाेने की वजह से मशीनाें के मर्मत में हाेने वाले आवश्यक खर्च का अनुमानित लागत इष्टिमेट तथा आवश्यक मर्मत करने का आग्रह है,’ उल्लेख है।
मेगुल्मी ८०० किलिया मेसिन का एकमात्र सुपर डिलर सुदीप इन्टरनेसनल के सञ्चालक भक्त हमाल ने नारायणी अस्पताल के मेसिन बिगडे हाेने के बारे में किसी जानकारी के नही हाेने की बात कही है । उनके अनुसार मशीन ठीक करने की पंरविधि उन्ही के पास है जहाँ दूसरे भी ठीक करवाने आते है । अनुज सप्लायर्स हेटौंडा के फर्म में वीरगन्ज के सिटी सर्जिकल के सञ्चालक दीपक अग्रवाल किलिया मेसिन नारायणी अस्पताल काे सप्लाई किया था । आधिकारिक सप्लायर्स काे मर्मत करने के लिए देना चािहए पर कमिशन के प्रलोभन में अन्य कम्पनी काे मर्मत के लिए पत्र भेजने का कर्मचारी ने आरोप लगाया है । सप्लायर्स, ल्याब इन्जार्ज और मेसु के मिलीभगत से मशीन बदलने की सम्बद्ध स्रोत कम दावा है । गत पुस अन्तिम सप्ताह में पुरानी किलिया मेसिन बिगड गई थी। िजसकी वजह से दाे महीना सेवा ठप थी ।
नेपाल सरकार के सातवें तह के कर्मचारी हिराबाबु पाण्डे अस्पताल के प्रयोगशाला में विगत साढे चार वर्ष से कार्यरत हैं फिर भी करिब १० महिना आगे ल्याब टेक्निसियन पद में नियुक्त हुए पाँचवे तह के सचिन्द्र यादव प्रयोगशाला प्रमुख बनाए गए थे ।
उक्त पद में दरबन्दी नही हाेने पर भी निमित्त मेसु डा.हक ने दैनिक ज्यालादारी में बिना प्रतिस्पर्धा यादव काे नियुक्त किया था और प्रयोगशला का प्रमुख बनाया गया था। गत वैशाख ११ में अख्तियार दुरुपयोग अनुसन्धान आयोग हेटौंडा की टोली ने अस्पताल में छापामारी कर के विभिन्न कागजात नियन्त्रण में लिया था और अनुसन्धान जारी है ।