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वर्ष२०१२ को नेतृत्व परिवर्तन का साल कहना गलत नहीं होगा। दुनियां के सबसे शक्तिशाली राष्ट्र अमेरिका और सबसे विशाल लोकतंत्र भारत में इसी वर्षशर्ीष्ा नेतृत्व परिवर्तन हुआ। प|mांस, रूस और चीन जैसे बडÞे देशों ने भी इसी वर्षअपने नये मुखिया का चुनाव किया। इसी वर्षम्रि्र में होस्नी मुबारक की रहनुमाई में ८४ साल के संर्घष्ा के बाद मुस्लिम ब्रदरहूड को सत्ता मिल गई। मुरसी के रूप में देश को पहला असैन्य राष्ट्रपति मिला।
भारत में २२ जुलाई को प्रणव मुखर्जी देश के १४ वें राष्ट्रपति बने। प्रणव को सात लाख १३ हजार ७६३ मत मिले, जबकि भाजपा समर्थित प्रतिद्वंद्वी पीए संगमा को तीन लाख १५ हजार ९८७ मत हासिल हुए। प्रणव सत्तारूढÞ संप्रग के प्रत्याशी थे।
राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए संप्रग के घटकों में मतभेद भी उभरे और तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें र्समर्थन देने से मना कर दिया। बहरहाल, राष्ट्रपति पद के लिए १९ जुलाई को हुए मतदान में ७७६ सासंदों में से ७४८ ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। सरकार के संकट मोचक कहलाने वाले प्रणव को ५२७ और संगमा को २०६ सांसदों ने मत दिया। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव सहित १५ सांसदों के मत अयोग्य करार दिये गये। २५ जुलाई को प्रणव ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली।
देश का प्रतिनिधित्व करने वाले पद को लेकर हलचल दूसरे देशों में भी हर्ुइ। अमेरिकी जनता के भरोसे के बल पर बराक ओबामा अपने प्रतिद्वंद्वी मिट रोमनी की ओर से अर्थव्यवस्था और अमेरिका के भविष्य के सवालों को लेकर बनाए गए चक्रव्यूह को ध्वस्त करने में कामयाब रहे और इस साल ऐतिहासिक जीत दर्ज कर लगातार दूसरी बार देश के राष्ट्रपति बने।
सरकार को समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के हितों के रक्षक मानने वाले सौम्य स्वभाव के ओलोंद को विरासत में कर्ज में डूबा हुआ देश मिला पर उन्होंने अर्थव्यवस्था पटरी पर लाने का संकल्प जताया। चीन के उप-राष्ट्रपति शी चिनफिंग को १५ नवंबर को देश की सत्तारूढÞ कम्युनिस्ट पार्टर्ीीा नया महासचिव नियुक्त कर दिया गया। वह राष्ट्रपति हूं जिंताओ के उत्तराधिकारी बने। वह अगले वर्षमार्च से सरकार की जिम्मेदारी संभालेंगे जब नेशनल पीपुल्स कांग्रेस का वाषिर्क सत्र होगा।
पार्टर्ीीे विधान के अनुसार शर्ीष्ा नेतृत्व प्रत्येक दस साल बाद सेवानिवृत्त होता है और चीन में अगले दस साल के लिए शासन को चलाने के मकसद से नए नेताओं का चयन किया जाता है। एक ग्राम मुखिया से राष्ट्रीय स्तर के नेता पद तक पहुंचने का शी का सफर बहुत मुश्किल भरा नहीं रहा। बहरहाल, करीब १.३ अरब की आबादी वाला उनका देश भी अपने नए नेता को उनके क्रांतिकारी पिता और अत्यंत लोकप्रिय गायिका पत्नी की वजह से अधिक जानता है।
वर्ष२०१२ के आखिर में दक्षिण कोरिया को एक महिला राष्ट्रपति मिल गईं। वहां राष्ट्रपति पद के चुनाव में पार्क गुन हे विजयी रहीं और एक हजार साल पहले कोरिया की रानी रहीं जिनस्योंग के बाद पार्क देश की सत्ता संभालने वाली पहली महिला बन गईं। रोचक बात यह है कि २० साल पहले पार्क के पिता ने देश की सत्ता हथिया ली थी।
अरब जगत में चली बदलाव की बयार ने म्रि्र में होस्नी मुबारक को राष्ट्रपति पद से हटाया और मोहम्मद मुरसी के रूप में देश को पहला असैन्य राष्ट्रपति मिला। ३० जून को मुरसी ने म्रि्र के पहले निर्वाचित राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली और इसी के साथ ८४ साल के संर्घष्ा के बाद मुस्लिम ब्रदरहुड को सत्ता मिल गई। िि
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