वैज्ञानिकों के लिए चुनौती बने गुजरात के योगी प्रहलाद जानी का स्वर्गवास
वैज्ञानिकों के लिए चुनौती बने गुजरात के योगी प्रहलाद जानी का आज स्वर्गवास हो गया । वो एक ऐसी शख्सियत थे, जिनसे वैज्ञानिक भी हैरान थे। सात दशकों तक वह बिना खाना खाए और पानी पिये जिंदा रहे। वैज्ञानिकों के लिए ये एक हैरतअंगेज सवाल बना रहा। इतना ही नहीं इस दौरान प्रहलाद जानी ने मूत्र त्याग भी नहीं किया था। ये किसी के लिए भी अजूबा हो सकता है। बीबीसी और अलजजीरा समेत तमाम विदेशी मीडिया ने उनकी खबर जब दुनिया के कोने-कोने पहुंचाई, तो हर कोई उनकी इस अनूठी काबलियत को जानकर हैरान था।
डॉक्टर एंटन लूंगर मेटाबॉलिक एक्सपर्ट ने उनके बारे में बात करते हुए एक निजी चैनल से कहा था कि ये उनकी कल्पना से भी परे है। इसी तरह डॉक्टर वुल्फगेंग मॉर्केल जो एक न्यूट्रीशियन एक्सपर्ट हैं, ने भी उनकी इस अनोखी काबलियत से हैरान हैं। उन्होंने भी एक निजी चैनल से बातचीत में बताया था कि इतने वर्षों तक बिना खाना खाए, पानी पिए और बिना ऊर्जा के जिंदा रहना असंभव है। उनके बारे में कहा जाता है कि आध्यात्म की तरफ जब बाबा जानी मुड़े थे, तभी उनकी जुबान पर तीन कन्याओं ने अंगुली रखी थी। इसके बाद उनकी भूख और प्यास दोनों ही खत्म हो गईं।
प्रहलाद जानी केवल भारतीय वैज्ञानिकों के लिए ही एक पहेली नहीं थे, बल्कि दुनियाभर के वैज्ञानिकों के लिए चर्चा का विषय थे। उन्हें लोग ‘चुनरी वाली माता’ के नाम से पुकारते थे। 88 वर्ष की आयु में अंतिम सांस लेने वाले जानी अंत तक पहेली बने रहे। प्रहलाद जानी के आश्रम में राजनीति हस्तियां से लेकर तमाम सेलिब्रिटीज तक का आना-जाना लगा रहा। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि पीएम मोदी भी उनके आश्रम जा चुके हैं।