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वीर अस्पताल में जयसवाल की मौत, परिवार जनों ने किया हत्या की शंका

भैरहवा (कुवार 7) । काठमांडू बीर अस्पताल में प्रवेश करते ही राम लखन जायसवाल (उम्र 63) अस्पताल द्वारा उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था। काठमांडू सुंधारा भद्र जेल से उनके उपचार के लिए बीर अस्पताल ले जाया गया था। उस जेल के प्रहरी प्रशासन द्वारा उनको वीर अस्पताल ले जाया गया था। फिर से जाते वक्त वह राम लखन सबसे नमस्कार भी किए थे। ओ बोल रहे थे कि मैं जा रहा हूं। ए बात कि दावा मृतक के परिवार ने किया है।
मृतक की परिवार जनों का मानना है कि उनकी मृत्यु नहीं बल्कि रहस्यपूर्ण तरीका से षडयंत्र पूर्वक उनकी कहीं ना कहीं हत्या कर दी गई है। नेपाल सरकार की इस मुद्दे पर जब तक छानबीन समिति नहीं गठित होती है और सही तथ्य सामने नहीं आता है और जब तक दोषी को कड़ा से कड़ा सजा मिलने की गारंटी नहीं मिलेगी तब तक मृतक के परिवार जन लोग लाश को सनाखत करने से इंकार कर दिया है। मृतक के परिवार जन और स्थानीय नागरिक समाजों के द्वारा लगातार जन प्रदर्शन किया जा रहा है।

जिला रूपंदेही भैरहवा, नेपाल निवासी राम लखन जयसवाल की रहस्यमई मृत्यु से लोगों का ध्यानाकर्षण हुआ है। जयसवाल तकरीबन 8 साल से काठमांडू सुनधरा भद्र जेल में थे और यही 2077 कुंवार 22 गते जेल से छूटने वाले थे। यह बात को लेकर सिद्दार्थ नगर ग्राम वासियों में और उनके परिवार जनों में खुशी की लहर छाई हुई थी। मृतक राम लखन भैरहवा नगर के पूर्व वार्ड अध्यक्ष थे। ओ जैसवाल समिति के अध्यक्ष भी रह चुके थे। इसी मौके पर जेलर द्वारा कुवार तीन गते शनिवार को बीर अस्पताल काठमांडू में उपचार हेतु लाया गया था। जयसवाल के शरीर में कंपन और स्वास्थ्य की समस्या बताते हुए जेलर द्वारा उनको उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया था।
मृतक जयसवाल के परिवार जनों का दावी है कि उनका रहस्यमय षडयंत्र पूर्वक हत्या कर दी गई है।
शंका लगने के बाद मृतक की बेटी अस्पताल के अंदर जहां पर लाहाश रखा हुआ था वहां जबरजस्ती जाकर अपने पिता की लाहास देखा था। जब चेहरे की मास्क को निकाला तो वह चकाचौंध हो गई। उन्होंने देखा की उनकी मृतक पिता की आंख निकाली हुई थी, सर फुटा हुआ था और गले पर रेटा हुआ खूनी निशान बना था। उस निशान को दबाने के लिए उस पर मास्क भी लगा दिया गया था। इतनी सहाजता से उनको लास तक पहुंचने नहीं दिया गया था। लास तक पहुंचने के क्रम में उनको पुलिस वालों ने ढकेल दिया था और उनकी हाथ भी टूट गयी ।
एक प्रेस विज्ञप्ति निकालते हुए वीर अस्पताल प्रशासन ने बताया है कि उस जयसवाल का अस्पताल प्रवेश करते ही मृत्यु हो चुकी थी। इसके साथ ही अस्पताल बताया है कि मृतक जयसवाल को कोरोनावायरस पॉजिटिव था। कोरोना पॉजिटिव का मामला तब सामने आया जब मृतक की लाश की स्वाव को निकालकर परीक्षण किया गया था।

मृतक राम लखन जयसवाल की मृत्यु की खबर अचानक परिवार वालों को दिया गया था । जानकारी पाते ही बेखौफ जयसवाल की परिवार तुरंत भैरहवा से काठमांडू के लिए रवाना हो गई थी। जब वह परिवार बीर अस्पताल के सामने पहुंचे तब अस्पताल प्रशासन ने उनको अंदर जाकर लाश का चेहरा देखने तक नहीं दिया। अस्पताल प्रशासन केवल दस्तखत करने के लिए ही जिक्र कर रहा था। अस्पताल प्रशासन का कहना था कि मृतक राम लखन जायसवाल को कोरोना वायरस पॉजिटिव के कारण से आप नहीं देख सकते हो और आर्मी आएगी उनको उठाकर ले जाएगी और उनको जला देगी। इस बात पर मृतक के परिवार जन मे शंका और संकट के बादल मंडराने लगे। लगातार परिवार जन जब तक हम उनका मुंह नहीं देख लेंगे तब तक सनाखत नहीं करेंगे ऐसा दावी कर रहा था।
प्रशासन के कठोर प्रतिबंध के साथ ही उस मृतक जयसवाल की सुपुत्री रश्मि जयसवाल लास तक जैसे तैसे पहुंच ही गई। वह अपनी पिता की लाश की स्थिति को देखकर हैरान हो गई। मुंह पर और गले पर मास्क लगाया गया था गले पर रेटने कि निशान बनी हुई थी। मुंह से खून आ रहा था। सर फूटी हुई थी। शरीर पूरा खूनी जख्मी बन गया था। तुरंत उन्होंने उस लाश की तस्वीर को अपने मोबाइल से वीडियो बना डाला। उस वीडियो को बाहर लाकर आम जनमानस और पत्रकारों के बीच सार्वजनिक भी कर दिया। बाहर के जनमानस को इस तस्वीर को देखकर काफी आक्रोश आ गया। और अस्पताल पर तोड़फोड़ करना शुरू कर दिया। कई पत्रकारों ने यूट्यूब पर फेसबुक पर वीडियो को वायरल बना दिया है।
मृतक के परिवार की प्रतिनिधि पूनम जायसवाल का कहना है कि उस लाश की उचित ब्यवस्थापन के तत्काल सरकार को न्यायिक समिति बनाये और छानबीन करके दोषी को कड़ी सजा मिले।
एक बात और भी सामने आई है कि स्वर्गीय राम लखन जायसवाल जब जेल से प्रशासन ने अस्पताल दवा करवाने के लिए ला रहा था उस वक्त सब से हाथ जोड़कर नमस्कार भी किए थे कि मैं जा रहा हूं। परिवार जनों का दावा है कि कुछ ही दिन जेल के अंदर कोरोनावायरस का टेस्ट किया गया था जिसमें किसी भी कैदी को कोरोनावायरस पॉजिटिव नहीं मिला था। अगर मृतक को कोरोनावायरस पॉजिटिव होगा तो जेल में रहे सभी कैदियों को भी पॉजिटिव हो सकता है। और उनके साथ रहे प्रहरी प्रशासन को भी पॉजिटिव हो सकता है। लेकिन अन्य कैदियों की सवाब संकलन नहीं किया जा रहा है। नागरिक समाज के प्रतिनिधियों का दावा है कि कोरोनावायरस के आड़ मे मेडिकल माफिया लूट तंत्र मचा रखी है। यह भी दावा किया जा रहा है कि मानव के अंगो का तस्करी भी किया जा रहा है।
मृतक परिवार जन की मांग है कि नेपाल सरकार तत्काल राम लखन जायसवाल की मृत्यु कैसे हुई कहां हुई कौन किया उनकी हत्या इस पर बेहद छानबीन करके रिपोर्ट को सार्वजनिक करें और उसके बाद दोषी को कड़ा से कड़ा सजा मिलनी चाहिए। परिवार जनों का ऐसा मांग है की सरकार द्वारा न्यायिक छानबीन समिति शीघ्र गठित कर के दोषी को कड़ी से कड़ी सजा दिया जाय।
मृतक परिवार जन लगातार पांच दिनों से अस्पताल परिसर या आसपास में दिन व रात लगातार धरना व प्रदर्शन दे रहे हैं।
कोरोंना पॉजिटिव के वज़ह से नहीं बल्कि रहस्यमय ढंग से उनकी मौत हुई है। पोस्ट मार्टम कराकर मृत्यु की सही तथ्य का खुलासा होना चाहिए। ये मांग मृतक की बेटी रागिनी जयसवाल(38वर्ष) ने मिडिया समक्ष किया है।
बुधवार 12 बजे तक मृतक की लास बीर अस्पताल मे है।

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