Thu. Dec 12th, 2024
himalini-sahitya

बिशन सागर

तुम्हारी यादों की शमा को अपने अश्कों से बुझा तो दिया है मैंने पर इसकी गीली राख दिल पर बोझ बन गई है इसकी सीलन ने कर दिया है मुझे और भी तन्हा उदास और जर्जर । पर तुम उदास मत होना हम फिर मिलेंगे किसी जन्म ओर लिखेंगे प्यार की नई इबादत ।

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