जनकपुरधाम में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद सम्मेलन शुरू, दुनिया भर से जुटे विशेषज्ञ
जनकपुरधाम/मिश्री लाल मधुकर। जनकपुरधाम के महेन्द्र नारायण निधि मिथिला सांस्कृतिक केंद्र में तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय आयुर्वेद सम्मेलन शुरू हुआ है।इस आयुर्वेद सम्मेलन में नेपाल, भारत, बंग्लादेश, श्री लंका,मारीशस सहित कई देशों के 150आर्युवेदिक चिकित्सा के ख्याति प्राप्त चिकित्सक भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम का उद्घाटन नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल “प्रचंड”को करना था लेकिन अंतिम समय में भूकंप क्षेत्रों में दौरा का को लेकर उनका कार्यक्रम रद्द हो गया।
बौद्धि सत्व अरुण आनंद स्वामी ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।इस अवसर पर प्रमुख अतिथि पद से बोलते हुए स्वामी अरुण आनंद ने कहा कि नेपाल के लिए ऐतिहासिक क्षण है जव दुनिया भर के बड़ी संख्या में ख्याति प्राप्त आयुर्वेदिक चिकित्सक जगत जननी सीता की पावन भूमि जनकपुरधाम में एकत्रित हुए हैं। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा के जन्मदाता निमि इसी भूमि के थे। नेपाल के जड़ी बूटी का भंडार हैं। हिमालय में वेशकीमती जडी बूटी है। नेपाल में आयुर्वेदिक अनुसंधान के लिए अच्छी भूमि है। उन्होंने आगे कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा से रोग जड़ से समूल नष्ट होता है।इसका कोई दुष्प्रभाव शरीर पर नहीं होता है। स्वामी अरूण आनंद ने कहा कि योग, प्राणायाम, शाकाहारी आहार तथा आयुर्वेद को अमरीकी सहित अन्य पाश्चात्य देश अपना रही है। लेकिन दुख की बात है कि भारत, नेपाल इस चिकित्सा को भूल रही है। लेकिन इस अन्तर्राष्ट्रीय आयुर्वेद सम्मेलन से नेपाल में आयुर्वेद चिकित्सा में नयी क्रांति आएगी। दिनेश सिंह की अध्यक्षता में शुरू इस कार्यक्रम में पतंजलि योग हरिद्वार के आचार्य बालकृष्ण को माधव सिंह बघेल पुरस्कार से नबाजा गया। कार्यक्रम में माओवादी के बरिष्ठ नेता तथा पूर्व मंत्री गिरिराज मणि पोखरेल, मधेश प्रदेश के श्रम तथा यातायात मंत्री चंदन सिंह कुशवाहा, माओवादी केन्द्र के संसदीय दल के नेता भरत साह, जनकपुरधाम उप महानगरपालिका के मेयर मनोज कुमार साह,मनरा सिस्वा के मेयर मोहन कुमार पांडेय, कार्यक्रम संयोजक डा.राकेश कुमार सिंह सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम शुरू से पहले पतंजलि योग पीठ जनकपुरधाम द्वारा हवन किया गया वहीं पंडितों ने वेद ऋचा का पाठ किए। तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद सम्मेलन में दुनिया भर से आए आयुर्वेद बिशेषज्ञों द्वारा आयुर्वेद से जुड़े कई आयामों पर कार्यपत्रक प्रस्तुत कर रहे हैं।