आज प्रणय दिवस…वैलेंटाइन डे
काठमांडू, फगुन २ – आज १४ फरवरी यानी प्रणय दिवस या फिर वैलेंटाइन डे है । इस दिन को लव डे कहा जाता है । वैसे प्रेम को दर्शाने के लिए कोई एक खास दिन का होना कोई मायने नहीं रखता है लेकिन पश्चिमी सभ्यता को हम स्वीकार कर रहे हैं तो इस दिन को भी बच्चे और बड़े मना रहे हैं ।
आज से ४० वर्ष पहले की अगर बात की जाए तो इस नाम से बहुत ही कम लोग वाकीफ थे लेकिन अभी यह दिन भाइरल है । आजकल वैलेंटाइन डे प्रायः सभी देशों में सेलिब्रेट किया जाता है । इस दिन कपल्स अपने दिल की बात अपने पार्टनर से बताते हैं । कुछ साल पहले तक तो यह केवल एक दिन का होता था अब सप्ताह भर का हो गया है । यानी वैलेंटाइन वीक हो गया है । वैसे खास दिन अब भी १४ फरवरी ही है । कहते हैं १४ फरवरी लव बर्ड्स के लिए बेहद खास होता है । अगर इस दिन के इतिहास में जाए तो बहुत सी कहानियां भी हंै । इस दिन को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं ।
इस दिन की शुरुआत रोमन फेस्टिवल से हुई थी । एक किताब है ‘ऑरिया ऑफ जैकोबस डी वॉरिजन’ इस किताब के अनुसार रोम में एक पादरी थे जिनका नाम था संत वैलेंटाइन । वे दुनिया में प्यार को बढ़ावा देने में विश्वास रखते थे । उनके लिए प्रेम ही जीवन था । लेकिन रोम के राजा क्लॉडियस को पादरी की ये बात बिल्कुल भी पसंद नहीं थी । रोम के राजा का मानना था कि प्रेम और विवाह से पुरूषों की बुद्धि और उनकी शक्ति पर प्रभाव पड़ता है । इस कारण से राजा के राज्य में रहने वाले सैनिक और अधिकारी विवाह नहीं कर सकते थे ।
राजा के विरोध के बाद भी संत वैलेंटाइन ने रोम के लोगों को प्रेम और विवाह के प्रति प्रेरित किया ताकि प्यार को बढ़ावा मिल सके । इस बात से प्रेरित होकर राजा के राज्य में रहने वाले कई सैनिक और अधिकारियों ने विवाह कर अपने जीवन को आगे बढ़ाया । इस बात से क्रोधित होकर राजा ने पादरी संत वैलंटाइन को ’१४ फरवरी ‘२६९’ ईसा पूर्व में फांसी पर चढ़ा दिया । उस दिन से हर साल इस दिन को प्यार का दिन यानी वैलेंटाइन डे के रूप में मनाया जाता है ।
और अब ये उपहार देने वाली बात कहाँ से आई ? तो कहते हैं कि कि संत वैलेंटाइन ने अपनी मौत के दौरान अपनी आंखों को जेलर की नेत्रहीन बेटी जैकोबस को दान कर दीं और उसे एक पत्र लिखा और उसमें लिखा ’तुम्हारा वैलेंटाइन’। ये जो दिल का उपहार है, ये सिखने की बात है । उन्होंने एक नेत्रहीन को अपनी आँखें दी ये तो जीवनदान देना हुआ । ये कोई साधारण उपहार नहीं था जो लोग बाजार में खरीद कर लाए । ये सिखाता है उपहार के महत्व को । जिससे शायद आज की हमारी युवा पीढ़ी अनजान है । ह दिन किसी खास के लिए नहीं है यह सबके लिए है । और हम तो उस जगह से आते हैं जहाँ हर रिश्ते में प्रेम छुपा है ।
वैलेंटाइन डे के दिन जो आपके बहुत प्रिय हैं फिर चाहे आपके बच्चे हो, दोस्त हों, माता पिता हो, भाई बहन हो, आपका परिवार हो, पति पत्नी हो या फिर प्रेमी प्रेमिका सभी एक दूसरे को उपहार दे सकते हैं । प्रेम का कोई खास दिन नहीं होता है न ही कोई खास उपहार । अगर इस दिन आप अपने प्रिय को लाल गुलाब भी देते हैं या फिर कुछ न देकर उनके साथ कुछ समय बिता दें तो यही बहुत बड़ा उपहार है । हाँ यह केवल १४ फरवरी को नहीं आप हर दिन कर सकते हैं तो ये होगा ‘वैलेंटाइन डे’।
पूरे साल आप लड़ते झगड़ते रहे और एक दिन को मनाएं तो फिर यह किसी तरह का प्रेम नहीं है । इसे दिखाने से बेहतर है महसूस करना और ये आप कभी भी कर सकते हैं इसकी कोई उम्र नहीं है ।