गुरुदेव उचित नारायण यादव के स्मृति दिवस पर हुई जन सभा
जनकपुरधाम/मिश्री लाल मधुकर । +2 उच्च विद्यालय नाहस खंगरैठा बिस्फी के संस्थापक गणितज्ञ शिक्षक गुरुदेव उचित नारायण यादव के स्मृति दिवस के अवसर पुस्तकालय सह वाचनालय निर्माण समिति के तत्वावधान में विद्यालय प्रांगण में जनसभा आयोजित की गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जसम राज्य उपाध्यक्ष डॉ. कल्याण भारती एवं ईश्वरचंद्र यादव की अध्यक्षमण्डली ने की तथा कार्यक्रम का संचालन नागेन्द्र प्रसाद यादव ने किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जसम राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य प्रो. सुरेंद्र प्रसाद सुमन ने कहा कि गुरुदेव उचित बाबू का जन्म एक कबीरपंथी परिवार में हुआ था जिसका उनके व्यक्तिव पर गहरा प्रभाव पड़ा था। दूसरी ओर, अंग्रेजी हुकूमत और जमींदारों–सामंतों के खिलाफ चलने वाले आंदोलनों से उनकी वैचारिक निर्मित हुई थी।
उन्होंने आगे कहा कि उचित बाबू के वही स्वप्न थे जो उनके वैचारिक गुरु कबीर के स्वप्न थे। उनके वही स्वप्न थे जो मार्क्स और अंबेडकर के स्वप्न थे।
यही कारण है कि उन्होंने अपने शिक्षक जीवन में बच्चों को ‘लिबरेटर’ के तौर पर तैयार किया। उनमें शोषणविहीन, वर्ग–वर्ण विहीन समाज के निर्माण की आकुलता थी, एक समतावादी समाज बनाने के लिए उन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद भी अगले तीस वर्षों तक अपनी निशुल्क सेवा गरीबों बच्चों में दी। यह प्रेरणा उन्हें अपनी वैचारिकी से मिलती थी।
आज स्वाधीनता आंदोलन के सभी स्वप्न लहूलुहान है। संविधान सुरक्षित नहीं है, देश सुरक्षित नहीं है। स्मरण रहे, उचित बाबू एक दूसरी व मुकम्मल आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे। आज दूसरी आजादी के संघर्ष को बढ़ाना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
मुख्य वक्ता डॉ. रामबाबू आर्य ने कहा कि आधुनिक समाज की बुनियाद शिक्षा है। शिक्षा मानव मुक्ति का हथियार है। श्रद्धेय उचित बाबू शिक्षा के माध्यम से समाज के आधुनिकीकरण का महान लक्ष्य लेकर चल रहे थे।
आज प्रतिगामी सोच की केंद्र सरकार समाज को इतिहास के अंधकार में धकेलना चाहती है, ऐसे समय में उचित बाबू के पदचिन्हों पर चल कर ही हम अपने संविधान और देश को बचा सकते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ईश्वरचंद्र यादव ने उचित बाबू की शिक्षा सेवा को अविस्मरणीय व अनुकरणीय बताया।
वहीं, डॉ. कल्याण भारती ने उचित बाबू को सामाजिक स्वतंत्रता के एक अमर सेनानी के रूप में रेखांकित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
मौके पर पूर्णनेंदु कुमार (राजा), बबिता कुमारी, जसम के राज्य सह सचिव समीर, कॉ. महेश यादव, आशीष कुमार, आइसा नेता मयंक कुमार, रूपक कुमार, शशि शंकर, डॉ. विजयचंद्र घोष, राम बाबू यादव, रवींद्र मोहन, ललन यादव, पान सरकार यादव, डॉ. श्रवण पंडित, बिकाऊ दास, गौरी शंकर, अखिलेश कुमार, विनोद चौधरी, प्रो. सुरेश यादव, रामसागर यादव सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक दिनेश यादव ने किया। कार्यक्रम का समापन जसम मधुबनी के जिला संयोजक अशोक कुमार पासवान एवं लोकगायिका चंद्रप्रभा के जनगीतों से हुआ।