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धन्वंतरि जयंती धनतेरस एवं दीपावली विशेष : आचार्य राधाकान्त शास्त्री

*।।श्री गणेशाय नमः।।
*18 अक्टुबर 2025 शनिवार को शनि प्रदोष एवं धनतेरस व्रत, धन्वंतरि जयंती मनाया जाएगा।

इस दिन में 1:20 बजे से अगले दिन 1:54 बजे तक शुभ लग्न में श्री लक्ष्मी गणेश इंद्र कुबेर पूजन किया जाएगा।

*आराकाशा के शास्त्र संग्रह के अनुसार पूजन एवं खरीदारी मुहूर्त:

प्रथम कुम्भ मुहूर्त:-
अपराह्न 2:21 बजे से अपराह्न 4 बजे तक कुम्भ लग्न में,

द्वितीय वृष मुहूर्त:-
रात्रि 7 बजे से 9 बजे तक वृष लग्न में,

*तृतीय सिंह मुहूर्त:-*
रात्रि 1:27 से 3:41 तक सिंह लग्न में,
महालक्ष्मी की विशेष पूजन किया जाएगा। इसके साथ ही गणेश जी लक्ष्मी जी इंद्र कुबेर और धन्वंतरि का पूजन किया जाएगा।*

*शुभ दीपावली*

20 अक्टुबर 2025 सोमवार को दीपावली मनाया जाएगा।
इस दिन के 2:32 बजे के बाद से ही दुकानों में लक्ष्मी पूजन प्रारंभ हो जाएगी।

*आराकाशा के शास्त्र संग्रह के अनुसार पूजन एवं खरीदारी मुहूर्त:

*प्रथम कुम्भ मुहूर्त:-*
इस दिन कुंभ लग्न में 2:32 से 4:51 तक।

*द्वितीय मीन मुहूर्त:-*
मीन लग्न में सायं 3:41 से 5:09 तक।

*तृतीय गोधूलि मुहूर्त:-*
सायं 5 बजे से 6 बजे तक।

*चतुर्थ वृषभ मुहूर्त:-*
वृष लग्न में 6:45 से 8:45 तक।

*पंचम द्विस्वभाव मुहूर्त:-*
मिथुन लग्न में 8:45 से 11 बजे तक।

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*षष्ठम और आखिरी सिंह मुहूर्त:-*
आखिरी पूजा:-
सिंह लग्न में रात्रि 1:15 से 4 बजे तक।
श्री लक्ष्मी गणेश इंद्र कुबेर पूजन शुभ होगा इस सिंह लग्न मे महालक्ष्मी की विशेष पूजन, महाकाली पूजा गणेशजी लक्ष्मीजी इंद्र कुबेर का पूजन किया जाएगा।* और पूजा के बाद रात्रि शेष 4 बजे से दरिद्र निस्तारण किया जाएगा। यानि *दरिद्र खेदा जाएगा।*

*धनतेरस एवं दीपावली का सामान्य पूजन विधि:-*

अपने सुविधा सामर्थ्य के अनुसार पूजन सामग्री तैयार कर
*आसन पर बैठकर आचमन, पवित्री, तिलक धारण, दिशा शुद्धि, दीप प्रज्वलन, स्वस्तिवाचन , संकल्प, गौरी गणेश पूजन कर कलश स्थापित करें, और कलश पर पुनः पँचदेवता, इंद्र कुबेर की नाम मन्त्र से पूजन करें। पुनः सामने छोटी चौकी या पीढ़ा पर एक पीतल के थाली में घी रोली सिंदूर से स्वस्तिक बना कर उसपर पान का पत्ता स्थापित करें और उस पर गणेश लक्ष्मी की मूर्ति या दो चांदी के सिक्के एक रुपया लिखा भाग ऊपर कर के दाएं बाएं में स्थापित करें और उस पर श्री गणेश और माता लक्ष्मी का नाम मन्त्र, मूल मन्त्र या श्री सूक्त मन्त्र से आवाहन स्थापन एवं यथा लब्ध उपचार पूजन करें। पुनः माता जी के सामने बटुआ अर्पण कर बटुवे में धनिया, हल्दी गांठ, कमलगट्टा, कौड़ी चित्ती, जायफल, जावित्री, द्रव्य रख कर माता जी को भेंट करें। और

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श्री गणेश जी के प्रसन्नता के लिए -*

*ॐ गं गणपते वर वरद सर्व जनम् वशमानय स्वाहा।।*
इस मंत्र का जप, एवं
*संकट नाशन गणेश स्तोत्र, और गणेशअथर्वशीर्ष का पाठ करें।*
साथ ही माता लक्ष्मी के प्रसन्नता के लिए –
*।।ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलाये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मै नमः।।*
इस मन्त्र का जप करें।

एवं *कनकधारा* तथा
*श्रीसूक्त का पाठ करें।*
इस प्रकार समस्त पूजन कर पुनः अग्नि स्थापन कर खीर मधु एवं अन्य द्रव्यों से गणेश एवं लक्ष्मी मंत्र से हवन कर श्री गणेश एवं माता लक्ष्मी जी की आरती करें। इस प्रकार पूर्ण प्रसन्नता के साथ सुख पूर्वक समस्त पूजन सम्पादित करें, पुनः साथ ही सभी दरवाजों पर स्वस्तिक बना कर दीप जलावें।
एवं जितना हो सके लक्ष्मी गणेश के मंत्रों का पाठ व जप करें।

*श्री लक्ष्मी गणेश की विशेष कृपा आप सपरिवार पर बनी रहे। आपके समस्त कष्ट, अर्थाभाव , दुख, दारिद्रयता , माता जी के आगमन से समाप्त हो, धनतेरस एवं दीपावली की हार्दिक शुभकामना।*
*माता लक्ष्मी , श्री गणेश , धन्वंतरि , इंद्र एवं कुबेर के साथ अपनी कृपा दृष्टि सबके ऊपर बनाते हुवे सुख शान्ति समृद्धि सम्पूर्ण प्रसन्नता एवं अपार धन की वर्षा करें।*
*सबका जीवन आनंददायक एवं मंगलमय हो, सबका जीवन सुख सौभाग्य, उत्तम आयु आरोग्यता सम्पन्नता एवं सम्पूर्ण प्रसन्नता से भर जाए। सम्पूर्ण व्रत पूजन के साफल्यता लिए महादेव से हमारी हार्दिक शुभकामना…*

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*इस वर्ष धनतेरस को हस्त नक्षत्र और दीपावली स्वाती नक्षत्र में सम्पूर्ण दिन एवं सम्पूर्ण रात्रि पर्यंत व्याप्त रहेगा। अतः इस वर्ष धनतेरस एवं दीपावली के दिन व रात्रि का पूजन एवं खरीदारी अत्यंत शुभ रहेगा।*
*इस वर्ष दिन एवं प्रदोष काल का मिलन समय दिन में 4:30 से सायं 5:30 बजे तक का समय सर्वोत्तम रहेगा। जो व्यवसाय और दुकान के लिए अत्यंत शुभ है।* प्रदोष काल गृहस्थ के लिए अपने घर की पूजा के लिए सर्वाधिक उपयुक्त रहेगा। *प्रदोष काल अर्थात- दिन और रात्रि का संयोग काल।*
*इस समय घर के कुल देवी देवता के साथ दरवाजे पर स्वस्तिक , अल्पना तोरण , केले का थम्भ स्वागत पुष्प सजा दीप जला कर माता लक्ष्मी का स्वागत एवं पूजन करना प्रसंशनीय होगा। माता लक्ष्मी श्री गणेश सरस्वती के साथ सबके घर मे निवास करें।

हरि ॐ गुरु देव*
*!!ज्योतिषाचार्य!!*
*आचार्य राधाकान्त शास्त्री*
*शुभम बिहार यज्ञ ज्योतिष कार्यालय*
*राजिस्टार कालोनी*
*पश्चिम करगहिया रोड, वार्ड:- 2, नजदीक कालीबाग OP थाना से पश्चिम*
*बेतिया, पश्चिम चंपारण बिहार*
*व्हाट्सअप से:-*
*(अहर्निशं सेवा महे)*
*व्हाट्सएप से हर समय आपके सेवा में:-*
*जबकि चल दूरभाष से वार्तालाप एवं संपर्क समय:- प्रातः 5 बजे से 9 बजे तक एवं सायं 5 बजे से रात्रि 10:30 बजे तक।*
*!!भवेत् सर्वेषां सर्वदा शुभ मंगलम्!!*

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