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विजेता चौधरी, काठमाण्डू चैत्र २०
कोई पास आया सवेरे सवेरे….मुझे आजमाया सवेरे सवेरे…. जब स्वर सम्राट ने गजल का समा बाधा महफिल यू झुमा की उन्हे गजल की बेसुमार फरमाइसें आने लगी ।
गुरुकुल म्युजीकल स्कुल की प्रस्तुती सुरम्य संध्या मे स्वर सम्राट गुरुदेव कामत ने कई सारे सोलो, गजल एवम् क्लासीकल गायन से समा बांधा ।



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गुरुदेव का यह १९वां एकल गायन प्रस्तुती था । समारोह का उद्घाटन नेपाल के लिए भारतीय राजदूत रंजीत रे ने कीया । रे ने उनकी गायकी का प्रशंसा करते हुए एकल संध्या के लिए सुभकामनाए भी दीया ।
एकल सुरम्य संध्या में स्वरताज गुरुदेव ने नेपाली, मैथिली, हिन्दी एवम् उर्दू गीत–गजल प्रस्तुत किएं । विनीत ठाकुर रचित उठू मैथिल… एवम् गीतकार धिरेन्द्र प्रेमर्षि कृत जाग जनकपुर… मैथिली गीतों के अलावा बहुत सारे नेपाली गीत गजले भी प्रस्तुत कीए । महफिल मे वान्स मोर के कहकहे ने उन्हे लागातार गाने को उक्साता रहा ।
राष्ट्रीय नाचघर जमल में आयोजीत उक्त कार्यक्रम में श्रोताओं की भारी उपस्थिती के साथ नेपाली एवम् विदेशी श्रोताओं का आग्मन उत्साह जनक रहा ।
नेपाल–भारत वीपी कोइराला फाउन्डेशन एवम ट्वेटा इन्टरनेश्नल क्पनी की संयुक्त आयोजन मे आयोजीत कार्यक्रम लगातार साढे तीन घण्टा चलता रहा । प्रख्यात गायक गरुदेव ने अपना एकल गायन समारोह का समापन मैथिली गीत से किए gurudevkamat-1



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