Fri. Mar 29th, 2024

विजेता चौधरी, काठमाण्डू, अषाढ १६
सत्य निरुपन तथा मेलमिलाप आयोग ने गम्भीर किसीम के मानवअधिकार उलंघन के घटनाओं को क्षमादान न देने की बात बताई है । अपहरण, बलात्कार, हत्या शारीरिक व मानसिक यातना को क्षमादान नही देने की बात सार्वजनिक किया है । ऐसे अभियोग के व्यक्ति को कारवाही के लिए सिफारिस करने को आयोग तैयारी कर रही है ।



satynirupan
आयोग के उजुरी संकलन से दश वर्ष पहले सशस्त्र द्वन्द्व के पीडित को राहत की आश जगी है । इसी आश में दैनिक उजुरी आने का क्रम जारी है । आयोग के मुताविक अब तक ४५ हजार उजुरी आ चुकी है ।
उजुरी देने के लिए अषाढ २ गते से ३० दिन के लिए अतिरिक्त समय प्रदान किया गया है । जिसमे फिलहाल विभिन्न किसीम के ४५ हजार उजुरी पहुँची है ।
आयोग ने उजुरी के प्रारम्भिक चरण में द्वन्द् काल के घटना होने की वजह से आवश्यक प्रमाण की अवस्था का अध्ययन करेगी । उस के बाद हत्या, विस्थापन, सम्पत्ति कब्जा आदि के कितने उजुरी है पहले चरण मे विभाजन का कार्य होगा ।उस के बाद दुसरे चरण में अनुसंधान किया जाएगा ।
आयोग ने बताया ७३ जिला से उजुरी संकलन किया गया है , जिस मे मध्यपश्चिम में सब से अधिक उजुरी आई है । आयोग ने निर्धारित समय तक ५० हजार उजुरी आने की अनुमान की है ।



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