क्या संघीय संरचना में बंदर बांट का फार्मूला काम आयेगा ? मालिनी मिश्र
मालिनी मिश्र, काठमाण्डू, ४ अगस्त ।।
संघीय संरचना व विकास के विषय में बहस से ज्यादा राजनीतिक बहस पर विषेश बल दिया जा रहा है । बार्जुरा के स्थानीय निवासियों के अनुसार यहां गांव पालिका बनाने से ज्यादा राजनीतिक दलों जिसमें, नेपाली कांग्रेस, नेकपा एमालेव माओवादी के नेताओं के बीच अपनी राजनीति को किस प्रकार हावी करें, विषयों पर ही चर्चाएं व बहस हो रही हैं ।
अभी देश भर में स्थानीय संरचना के निर्माण की चर्चाएं हो रही हैं वहीं बाजुरा में आपसी राजनीति ही हावी हो रही है । यहां गावं के विकास व अनुकूलता से ज्यादा व्यक्तिगत अनुकूलता पर बल दिया जा रहा है ।
भौगोलिक विकटता को देखते हुए, उत्तरी क्षेत्र के ११ गा.वि.स. में ३ गाँवपालिका बनाने व दक्षिणी क्षेत्र के ११ गा.वि.स. को एकीकृत करके ३ गाँवपालिका व नगरपालिका के बीच के क्षेत्र के २ गा.वि.स. को नगरपालिका में परिवर्तित करने का खाका तैयार किया गया है ।
कांग्रेस के जिला सचिव दीपक शाह के अनुसार, जिला ३ से ७ तक के गांव पालिका व नगरपालिका बनाने की नीति में ही बहस शुरु हो चुकी है ।उनके अनुसार जनता को ध्यान में रख कर ही संरचना का निर्माण आवश्यक है न कि राजनीतिक स्वार्थ को देखकर ।
इधर गावंपालिका बनाने के लिए नेताओं में आपसी बहस हो रही है संघीयता पुनर्संरचना के विषय में समीतियों की राय व सलाह आदि संकलन होने के पश्चात भी राजनीतिक लाभ न होने के कारण काम स्थगित ही है । जब्कि यह ज्ञात होना चाहिए कि इन कामों के कुछ नियम है व पालिकाओं के निर्माण तद्नुसार ही होना चाहिए पर नेताओं के द्वारा यहां बन्दर बांट का फार्मूला लगाने का प्रयास किया जा रहा है यह बंदर बांट विशेष रुप से कांग्रेस व नेकपा एमाले की बीच की है । ।
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