Fri. Mar 29th, 2024

bhaiya-duj



विराटनगर, १ नवम्बर |

कार्तिक शुक्ल द्वितीया को भैया दूज हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है । सनातन वैदिक काल से ही इस पर्व को भाई बहन के प्रेम का प्रतीक मानकर मनाया जाता है । कथा के अनुसार सूर्य के पुत्र यम और पुत्री यमी में प्रगाढ़ प्रेम था । लेकिन यम के राज कार्य में व्यस्त होने के कारण यमी अपने भाई से बहुत दिनों से मिल नही पाई । जब मन बहुत व्याकुल हुआ तो यमी न सन्देश भेज कर यम से मिलने का आग्रह किया । बहन की सुचना पाकर यम उससे मिलने पहुंचे । उस दिन भैयादूज था । प्रसन्न होकर यम ने बहन से कुछ मांगने को कहा तब यमी ने अपने भाई से यह माँगा की वो साल में एक बार उससे मिलने आया करे । उस दिन यम ने उसे वरदान दिया कि आज के दिन जो भी बहन अपने भाई को बुला कर टिका करेगी उसके सभी पाप दूर हो जाएंगे । ये पौराणिक कथा भाई बहन के प्रेम को दरसाते हैं । इस दिन बहन अपने भाई की दीर्घायु के लिए गोधन कूटती है और भाई को टीका लगा कर कथा सुनाती है । भाई भोजन ग्रहण करता है और बहन को द्रव्य दान करता है । भाई बहन के अनुपम प्रेम का प्रतीक है भैया दूज ।



About Author

यह भी पढें   आज का पंचांग: आज दिनांक 27 मार्च 2024 बुधवार शुभसंवत् 2080
आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Loading...
%d bloggers like this: