सरकार मधेशी किसानों के साथ हमेशा बेइमानी करतें है : नेतृ सरिता गिरी
हिमालिनी डेस्क
काठमांडू, १३ अप्रील ।
कृषि विकास बैक को किसानों को ऋण देने हेतु इस वर्ष सिर्फ ३ अरब रुपैया उपलब्ध कराया गया है ।
अगर यह तथ्य सही है तो यह रकम किसानों की आवश्यकता की तुलना में कुछ भी नहीं है । अर्थात् यह रकम उँट के मुह में जीरा के समान है । तो फिर कृषि उत्पादन में बढोत्तरी कैसे होगी और किसान खुशहाल कैसे होंगे ।
देश को खाद्य सामग्री भी आयात करना पड रहा है । देश में अभी क्रेडिट क्रंच है, लिक्विडीटी क्रंच नहीं । सरकारी ढुकुटी मे २ खर्ब रुपैया यूँही रखा हुआ है । यह किसानों के साथ गम्भीर बेइमानी है । कृषि विकास बैंक की अवस्था भी माइक्रो क्रेडिट बैंक जैसी ही है ।