उसने ना कहने पर लक्ष्मी के चेहरे पर एसिड फेंक दिया : शिल्पा जैन सुराणा
डॉ शिल्पा जैन सुराणा | लखनऊ की सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता पर आरोपियों ने चौथी बार तेजाब से हमला किया। लक्ष्मी जिसे उसकी दुगुनी उम्र का आदमी एक तरफा प्यार करता था, उसने ना कहने पर लक्ष्मी के चेहरे पर एसिड फेंक दिया।
सोनाली मुखर्जी एक प्रतिभावान एनसीसी कैडेट, जिसे उसके ही पडोस में रहने वाले मनचलो ने एसिड फेंककर जिंदगी भर का दर्द सहने पर मजबूर कर दिया, उसका दर्द और न्याय न मिलने की तकलीफ इस बात से समझी जा सकती है कि उसने इच्छामृत्यु के लिए याचिका दायर कर दी।
चेहरे पर एक खरोच भी लग जाये तो लोगो को चिंता हो जाती है कि ये निशान कब जायेगा। तेजाब ने न केवल इनके चेहरे को लहूलुहान किया बल्कि इनकी आत्मा को भी लहूलुहान कर दिया। समाज में इनके जैसी और भी लडकिया है जिनकी जिंदगी तेजाब की तरह ही जल गयी।
हम अख़बार में खबरे पढ़ते है और जैसे सुबह का पेपर शाम को रद्दी हो जाता है उसी तरह ये खबरे भी हमारे दिमाग से फ्लश आउट हो जाती है। इनका दर्द कितना भयंकर है हम शायद उसकी कल्पना भी नही कर सकते।
बाजार में तेजाब आसानी से उपलब्ध है, कही से भी तेजाब को ख़रीदा और बेचा जा सकता है। शायद यही वजह है कि अपराधी प्रवर्ति के लोगो को ये सबसे आसान तरीका लगता है। इतनी घटनाओं के होने के बाद भी न ही सरकार चेती है, न ही प्रशासन और न ही समाज। ऐसी घटनाएं होती रहती है और अगर एसिड की बिक्री को यदि प्रतिबंधित नही किया गया तो आगे भी होती रहेगी। एसिड फेंकने वाले अपराधियो को भी कड़ी सजा देनी चाहिए ताकि कोई भी इस तरह की हरकत को अंजाम देने से पहले सौ बार सोचे। पीड़ित महिलाओं के लिए सरकार एक इकाई की स्थापना करे जो उनको मदद उपलब्ध करवाये क्योंकि इसमें की जाने वाली सर्जरी का खर्च बहुत अधिक होता है। सरकार एसिड बिक्री को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित करे या फिर कुछ चुनींदा संस्थानों को ही एसिड बिक्री की अनुमति दे। एसिड खरीदने वाले का रिकॉर्ड रखा जाये ताकि किसी अनहोनी की दशा में अपराधी को तुरंत पकड़ा जा सके।